उत्तराखंड के मशहूर हास्य कलाकार और उत्तराखंड संस्कृति एवं कला साहित्य परिषद् के उपाध्यक्ष घन्ना नन्द से उफ्तारा अध्यक्ष प्रदीप भंडारी ने इस्तीफ़ा मांगा है.
कोरोनावायरस और लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड के लोक कलाकार गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. पिछले तीन महीने से कलाकार अपने घरों में कैद हैं. उत्तराखंड संस्कृति विभाग और सूचना विभाग में हज़ारों में लोक गायक और कलाकार पंजीकृत हैं. इन कलाकारों को कई विधाओं में पंजीकृत किया जाता है. पंजीकृत कलाकारों को समय समय पर पारम्परिक मेलों,सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों में प्रतिभाग करवाया जाता है.इसके लिये सरकार द्वारा हर साल संस्कृति विभाग को करोड़ों रुपये का बजट दिया जाता है.
यह भी पढ़ें : वो उत्तराखंडी चेहरे जो आज भी उत्तराखण्ड संगीत जगत में मचा रहे हैं धूम
लॉकडाउन में कलाकारों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है कई ऐसे लोक कलाकार हैं जो अपनी कलाकारी से ही अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. इस बीच उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने कलाकारों को 1 हज़ार रुपया आर्थिक मद्दद देने का ऐलान किया है. सरकार के इस ऐलान के बाद कलाकारों में भारी आक्रोश है. सोशल मीडिया के माध्यम से कलाकारों ने इसे अपमान कहा है और सरकार की इस मदद का बहिष्कार किया है.
यह भी पढ़ें : Garhwali Video : सांवरी विडियो सोंग रिलीज़, सोशल मीडिया में वायरल
इसी मामले में आज हिलीवुड न्यूज़ पर एक लाइव डिबेट रखी गयी थी जिसमे उत्तराखंड के प्रसिद्ध कलाकारों ने प्रतिभाग किया. प्रसिद्ध अभिनेत्री गीता उनियाल, गायक जसपाल राणा, प्रसिद्ध रंगमंच कलाकार गिरीश सनवाल पहाड़ी, गायिका पूनम सती तथा उत्तराखंड फिल्म टेलीविज़न एवं रेडियो एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप भंडारी ने अपनी अपनी बात रखी. और सरकार की 1000 रुपया कलाकरों को देने की बात पर नाराजगी जतायी.
यह भी पढ़ें : संस्कृति विभाग बना चिंता का विषय, कलाकारों का हो रहा शोषण
वार्तालाप के दौरान उफ्तारा के अध्यक्ष प्रदीप भंडारी ने वर्तमान में उत्तराखंड कला संस्कृति एवं साहित्य परिषद् के उपाध्यक्ष घन्ना नन्द से इस्तीफ़ा मांगा. उनका कहना था कि जब घन्ना नन्द जी कलाकारों को इस संकट की घडी में सरकार से सहयता दिलाने में असमर्थ हैं तो उन्हें इस पद को त्याग कर कलाकारों के साथ खड़ा होना चाहिए. उनके इस बयांन के आने के बाद हमने घन्ना नन्द से फोन पर वार्ता लाप की तो उन्होंने बताया कि 1000 रुपया मुख्यमंत्री राहत कोष से दिया जा रहा है उन्होंने खुद इस मामले में मुख्यमंत्री से भेंट की थी ताकि इस lockdown में कलाकारों को आर्थिक सहयता मिल सके. हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने 1000 हर कलाकार को देने की मांग नहीं की. यह मुख्यमंत्री का व्यक्तिगत विवेक है कि वो क्या सहयोग देंगे साथ ही उन्होंने कहा कि में खुद कलाकार हूँ में कलाकारों का अपमान नहीं सहूंगा और उनके हितों के लिये लडूंगा चाहे इस्तीफ़ा ही क्यों न देना पड़े.
देखिए विडियो :
लॉकडाउन से बेहाल हुए कलाकार, हज़ार रुपये में घर कैसे चलेगा सरकार
लॉकडाउन से बेहाल हुए कलाकार, हज़ार रुपये में घर कैसे चलेगा सरकार . देखिए बड़ी बहस हिलीवुड न्यूज पर उत्तराखंड के दिग्गज कलाकारों और गायकों के साथ. Visit here : https://www.hillywoodnews.in/Follow Us On Facebook : https://www.facebook.com/hillywoodnew…Subscribe Now :https://bit.ly/2KS36V8
Posted by Hillywood News on Tuesday, 23 June 2020
खैर उत्तराखंड संस्कृति और सूचना विभाग हमेशा ही बजट का रोना रोते हैं in विभागों में कई सालों से लोगों के विल अभी भी पेंडिंग पड़े हैं.
विडियो : Kishan Mahipal Live : Full interview || Hillywood News show