उत्तराखण्ड सरकार द्वारा सार्वजनिक निगमों और उपक्रमों में गे्रच्युटी की सीमा को 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 20 लाख रूपये कर दिया है। इसका लाभ उन निगमों और सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों को मिलेगा जहां पहले से ग्रेच्युटी की सुविधा लागू है। तथा साथ ही जिन उपक्रमों में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत वेतनमान लागू कर दिया गया है। राज्य निगम कर्मचारी महासंघ के मुताबिक इस फैसले से करीब 40 हजार कर्मचारी लाभान्वित होंगें।
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प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास मनीषा पंवार ने इस सबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। हालांकि वित्त विभाग ने गत 8 मार्च को इस शर्त के साथ सहमति दे दी थी कि ग्रेच्युटी की सीमा में बढ़ोतरी से होने वाले अतिरिक्त भुगतान का बोझ प्रदेश सरकार नहीं उठायेगी ये खर्च सार्वजनिक निगमों व उपक्रमों को खुद अपने संसाधनों से उठाना होगा।
अशोक नेगी की रिपोर्ट
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