Mussoorie Film Conclave
उत्तराखण्ड फिल्म और म्यूजिक इंडस्ट्री जब पतन के कगार पर है और फिल्मों का निर्माण होना लगभग समाप्ति की ओर अग्रसर हो चुका है ऐसे में उत्तराखण्ड सरकार ने सराहनीय कदम उठाकर उत्तराखण्ड फिल्म काॅनक्लेव आयोजित किया और उत्तराखण्ड के तमाम निर्माताओं को सहयोग राशि प्रदानकर उत्तराखण्ड फिल्म निर्माण में एक नई जान फूंकने की कोशिश की।
मसूरी में होगा फ़िल्म कॉनक्लेव, उत्तराखंड सरकार ने उठाया बड़ा कदम
उत्तराखण्ड फिल्म जगत में यूं तो कई फिल्में बनी हैं कई निर्माता निर्देशक बर्बाद होकर फिल्म इंडस्ट्री से तोबा ही कर चुके हैं, आज उत्तराखण्ड फिल्म इंडस्ट्री के हालात बद से बदत्तर हो चुके थे, हालांकि उत्तराखण्ड म्यूजिक इंडस्ट्री में डिजिटल क्रांति आने के बाद लगातार म्यूजिक वीडियोज की क्वालिटी और मार्केटिंग का स्तर बढ़ता जा रहा है लेकिन फिल्म निर्माण का पतन होता आया है। कुछ निर्माता अपनी सारी पूंजी फिल्म निर्माण में लगाते हैं और उसके बाद उन्हें फिल्म प्रदर्शन करने के लिए सिनेमाहाॅल तक मौहिया नहीं होते, और न ही सरकार से कोई मदद मिलती है।
Mussoorie Film Conclave
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इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर उत्तराखण्ड के फिल्म, विडियो निर्माता लगातार संघर्ष करते आये हैं। उत्तराखण्ड फिल्म पाॅलिसी 2015 में लागू हो चुकी है जिसमें क्षेत्रीय फिल्मों को डेढ़ करोड़ तक दिये जाने का प्रावधान है। कल 8 नवम्बर 2019 का दिन उत्तराखण्ड फिल्म इंडस्ट्री के लिए ऐतिहासिक पल रहा, जब उत्तराखण्ड के तमाम फिल्म निर्माताओं को सरकार की तरफ से अनुदान दिया गया।
उत्तराखण्ड की जिन फिल्मों को अनुदान दिया गया वह इस प्रकार हैं: हैलो यूके, भूली ऐ भूली, गोपी भैना आदि शामिल हैं। यह अनुदान सिर्फ 2015 के बाद प्रदर्शित फिल्मों को ही दिया गया है। अब उत्तराखण्ड में फिल्म निर्माण की नई संभावनायें नजर आती है जिससे क्षेत्रीय कलाकरों व तमाम बेरोजगारों को और उत्तराखण्ड के टैलेंट को रोजगार मिलेगा। हिलीवुड टीम पूर्ववर्ती सरकार जिन्होंने फिल्म पाॅलिसी बनाई और और वर्तमान सरकार जिन्होंने इसको साकार किया, का धन्यवाद करती है।
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