अक्सर लोग शादियों में कई गुना पैसा फालतू खर्च करते हैं। लेकिन उत्तराखंड के कर्णप्रयाग में एक अद्वितीय विवाह समारोह में एक नई और अनोखी पहल देखने को मिल। जो आजकल चल रहें फिजुली चोंचले बाजी के बिल्कुल विपरीत थी। साथ ही समाज को एक गहरा सन्देश भी दे गई।
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दरअसल ,उत्तराखंड के कर्णप्रयाग में एक विवाह समारोह में गरीब बच्चों को मुख्य अतिथि के रूप में सम्मानित किया गया। इस अनोखी पहल में 40 गरीब बच्चों को बराती के रूप में शामिल किया गया, जिसे लोगों ने बहुत सराहा है। इन मुख्य अतिथियों को उपहार में गर्म कपड़े प्रदान किए गए और बरात के आगमन पर सभी का माला पहनाकर स्वागत किया गया। इस विवाह समारोह के पीछे कर्णप्रयाग के उद्यमी रामकृष्ण भट्ट और कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री हरिकृष्ण भट्ट के भतीजे अंशुल भट्ट की शादी का आयोजन था। सभी परिवारजनों ने निर्णय लिया कि शादी में गरीब बच्चों को मुख्य अतिथि बनाया जाए, जो एक अद्वितीय और प्रशंसनीय पहल है।
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अखिल भारतीय सेवा अभियान (एमफॉर सेवा) हॉस्टल के 40 बच्चों को शादी में मुख्य अतिथि के लिए आमंत्रित किया गया और उन्हें ट्रैक सूट भेंट किए गए। बरात के आगमन पर सभी बच्चों का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया गया, जिससे वे काफी उत्साहित दिखे। इस अनोखी पहल के पीछे भट्ट परिवार का उद्देश्य गरीब बच्चों की सहायता करना था। उन्होंने निर्णय लिया कि भविष्य में किसी भी कार्यक्रम में गरीब बच्चों को शिक्षा सहित अन्य आवश्यक सामग्री के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। इस पहल की लोगों ने प्रशंसा की है और इसे एक अनुकरणीय उदाहरण माना है।