Dhol Damo
Dhol Damo :इस गढ़वाली गीत में दिखी पहाड़ी ढोल-दमाऊ की रस्याण,वीडियो यहां देखें
पहाड़ी ढोल दमाऊ हमेसा से ही हर शुभ कार्य में आकर्षण का केंद्र रहे हैं। उत्तराखंड (Uttarakhand) में विशेषतर त्योहारों व शादी व्याह में ढोल दमौ का बहुत बड़ा महत्व है। इनके बिना पहाड़ों में कोई भी शुभ कार्य नहीं होते हैं। इन्हीं के महत्व को दर्शाते हुए एक पहाड़ी गीत याद आता है। जिसका नाम है – “ढोल -दमौ”(Dhol Damo)जिसे उत्तराखंड के सुप्रसिध्द सिंगर “मेरी गाजिणा “(meri gaajina )फेम सिंगर धूम सिंह रावत (dhoom singh rawat) ने गाया है।
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इस गीत की धुन व बोल इतने कर्ण प्रिय हैं की हर कोई इसे बार -बार सुनना चाहेगा। आपको बता दें ढोल-दमाऊ (Dhol Damo) भारतीय वाद्य-यंत्र है। ये हाथ या छडी से बजाए जाने वाले छोटे नगाड़े हैं जो मुख्य रूप से लोक संगीत या भक्ति संगीत को ताल देने के काम आते हैं। ढोल-दमौ को अलग अलग तरह की छड़ियों से बजाया जाता है। ये आम, बीजा, शीशम, सागौन या नीम की लकड़ी से बनाई जाती है। आप कई तरह के ढोल देख सकते हैं, जिनका उपयोग होली दीवाली आदि त्योहारों के दौरान किया जा सकता है।
Dhol Damo
अनीशा रांगड़ व सूर्यपाल श्रीवाण के इस गीत को मिल रहीं है दर्शकों की वाहवाही
धूम सिंह रावत द्वारा गाये गए इस गीत में संगीत संजय कुमोला (Sanjay Kumola) ने दिया है। पूनम नेगी (Poonam Negi) और डी.एस.भंडारी (D.S Bhandari) ने इसके गीतों को बेहतरीन अन्दाज में लिखा है। और इस गीत को दर्शकों ने भी खूब पसंद किया है। इसमें अभिनय पुरषोतम जेठुरी व पूजा भंडारी ने किया है जिसके निर्देशक विजय भारती (Vijay Bharti) और संपादक नागेंद्र प्रसाद (Nagendra Prasad) हैं। आप भी इस गीत को यहां देख सकते हैं।