जगन्नाथ धाम की रहस्यमयी कहानी: हनुमान जी ने कैसे समुद्र को नियंत्रित किया

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जगन्नाथ मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख आस्था केंद्रों में से एक है, जिसे पुराणों में धरती का वैकुंठ बताया गया है। यह भगवान विष्णु के चार धामों में से एक है, जहां रहस्यमयी घटनाएं और अनोखी कहानियां हैं। इस लेख में, हम आपको जगन्नाथ मंदिर से जुड़े कुछ रहस्यों और हनुमान जी से जुड़ी एक रोचक कहानी के बारे में बताएंगे।

 

जगन्नाथ धाम की रहस्यमयी कहानी: हनुमान जी ने कैसे समुद्र को नियंत्रित किया

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जगन्नाथ धाम के निर्माण के बाद, देवी-देवता, गंधर्व और मनुष्य सभी इसके दर्शन के लिए आए। समुद्र ने भी जगन्नाथ जी के दर्शन करने की इच्छा व्यक्त की, लेकिन इसके कारण भक्तों को परेशानी होने लगी। भगवान जगन्नाथ जी ने हनुमान जी को समुद्र को नियंत्रित करने के लिए कहा, जिसे हनुमान जी ने पूरा किया। लेकिन समुद्र ने हनुमान जी को जगन्नाथ जी के दर्शन करने के लिए उकसाया, जिसके कारण हनुमान जी बार-बार मंदिर में जाने लगे। इससे भक्तों को फिर से परेशानी होने लगी, और जगन्नाथ जी ने हनुमान जी की इस आदत को छुड़वाने के लिए, समुद्र के निकट उनके पैरों में सोने की बेड़ियां बांध दीं। आज भी जगन्नाथ पुरी में समुद्र के पास बेदी हनुमान या बेड़ी हनुमान जी का मंदिर स्थित है।

जगन्नाथ धाम से जुड़ी कुछ रहस्यमयी बातें:

– पुरी धाम में प्रवेश के बाद समुद्र की आवाज आपके कानों में नहीं आती।
– मंदिर का प्रसाद भी बेहद रहस्यमयी तरीके से हमेशा उतना ही बनता है जितने की आवश्यकता है।
– मंदिर के ऊपर पक्षी नहीं बैठते और ना ही मंदिर के ऊपर से उड़ते हैं।
– हवाई विमान भी मंदिर के ऊपर से नहीं उड़ाया जा सकता।
– मंदिर के शिखर पर लगा ध्वज हमेशा हवा के विपरीत लहराता है।