प्रदेश से देश की राजधानी का सफर अब और भी आसान, जानिए अब कैसे ?

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उत्तराखंड की खूबसूरत वादियां जहां पर्यटकों को सुकून देती हैं तो वहीं दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे पर लगने वाला जाम उनका यह सुकून छीन लेता है। दिल्ली-देहरादून हाईवे पर जाम की वजह से मिनटों का सफर घंटों में तय होता है, परेशानी होती है सो अलग। 

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जाम की वजह से मिनटों का सफर घंटों में तय होता है, परेशानी होती है सो अलग। उम्मीद है जल्द ही यह समस्या दूर हो जाएगी। दिल्ली से देहरादून के सफर को आसान बनाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग एक बड़े प्लान पर काम कर रहा है। प्लान सफल रहा तो एनएच-58 पर सफर पहले से ज्यादा आसान होने के साथ ही सुरक्षित भी होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग इस एनएच की चौड़ाई बढ़ाने के साथ ही हाइवे पर सर्वोत्तम तकनीक के पीटीजेड कैमरे लगा रहा है। योजना का काम इसी साल अगस्त तक पूरा होने की उम्मीद है। बदरीनाथ के माणा दर्रे से होकर देहरादून, हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, मेरठ और गाजियाबाद होते हुए दिल्ली तक जाने वाले एनएच-58 की कुल लंबाई 538 किलोमीटर है।

इस राजमार्ग का 373 किलोमीटर का हिस्सा उत्तराखंड में और बाकी 165 किलोमीटर हिस्सा यूपी में है। वैसे ये हाईवे फोर लेन है, लेकिन अब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने इस एनएच को देहरादून से दिल्ली के बीच 6 लेन करने की मंजूरी दे दी है। बजट भी जारी कर दिया है। सफर को सौ फीसदी सुरक्षित बनाने पर भी काम चल रहा है। इसके लिए एनएचएआई ने वेस्टर्न यूपी टोलवे कंपनी के साथ मिलकर एनएच पर पीटीजेड कैमरे लगाने शुरू कर दिए हैं। वीडियो एक्सीडेंट डिटेक्शन उपकरण भी लगाए जा रहे हैं। इस तरह हाईवे पर सफर को सुरक्षित बनाने की कोशिशें जारी हैं। ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं। हाईवे पर अत्याधुनिक तकनीक के कैमरे व अन्य उपकरण लगाकर वाहनों की स्पीड तथा दुर्घटनाओं की 24 घंटे निगरानी की जाएगी। योजना का काम अगस्त तक पूरा होने की उम्मीद है।

 

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