जब से डिजिटल की दुनिया में लोगों ने कदम रखा हैं सब कुछ आसान सा हो गया है। जहाँ पहले एक गीत के बाद दूसरे गीत के बीच काफी दूरी का समय होता था। लेकिन आज हर दिन यूट्यूब पर उत्तरखण्डी गीतों की बौछार लगी रहती हैं । यहाँ तक कि युवा लोग भी संगीत की दुनिया में उतर रहे हैं । इस डिजिटल ज़माने में उत्तराखण्ड संगीत जगत में काफी कम्पीटिशन देखने को मिल रहा हैं । लेकिन उत्तराखण्ड संगीत जगत के वो चेहरे जो आज भी यूट्यूब की दुनिया में धमाल मचा रहे हैं । जिनकी आवाज़ का जलवा आज भी कायम हैं ।
नरेंद्र सिंह नेगी (Narendra Singh Negi)
नरेंद्र सिंह नेगी को उत्तराखण्ड की शान कहा जाता हैं । इनके बारे में अक्सर कहा जाता है कि पहाड़ों से दूर जाना और नरेंद्र सिंह के गाने अक्सर रुला देते हैं । नरेंद्र सिंह नेगी रेडियो और ऑडियो कैसट्स के ज़माने से लेकर यूट्यूब की दुनिया में भी धमाल मचा रहे हैं । नरेन्द्र सिंह नेगी को उत्तराखंड का गढ़ रतन और गढ़ गौरव भी कहा जाता हैं । इन्होने उत्तराखण्ड के हर पहलू के ऊपर गीत को गाया हैं, फिर चाहे पलायन हो, उत्तराखण्ड की पहाड़ों को खूबसूरती हो , या फिर ग़रीबी हो। यहाँ तक कि इनके ‘नौछमी नारेणा” गीत से सरकार भी डगमगा गई थी। नरेंद्र सिंह नेगी आज भी उत्तराखण्ड संगीत जगत को अपने गीतों से सजा रहे हैं । ठंडो रे ठंडो,बसंत ऋतु मा जैई ,चली भै मोटर चली जैसे हज़ारों सुपरहिट गीत गाए एवं लिखे हैं । लॉक डाउन में नेगी जी ने अपने पुराने पलों को याद करते हुए और दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करने के लिए यूट्यूब पर ” गीत भी गीत की बात भी ” की श्रृखला शुरू की है। जिसको दर्शकों का बेहद प्यार मिल रहा हैं
प्रीतम भरतवाण (Pritam Bhartwan)
प्रीतम भरतवाण को उत्तराखण्ड का जागर सम्राट कहा जाता हैं । प्रीतम उत्तराखण्ड में बजने वाले पारंपरिक ढोल सागर के ज्ञाता हैं , वे एक अच्छे जागर गायक और ढोल वादक के साथ ही अच्छे लेखक भी हैं । साथ ही उन्हें दमाऊ, हुड़का और डौंर थकुली बजाने में भी महारत हासिल हैं । जागरों के साथ ही उन्होंने लोकगीत, घुयांल और पारंपरिक पवाणों को भी नया जीवन देने का काम किया हैं । आज भी उत्तराखण्ड के लोक गीतों, जागर आदि के ज़रिये उत्तराखण्ड की विरासत, परम्परा और संस्कृति बचाने में अपनी अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं । इनको भारत सरकार द्वारा 2019 में पद्मश्री परुस्कार से भी समानित किया गया। प्रीतम भरतवाण आज भी उत्तराखण्ड संगीत जगत से जुड़े है। हाल ही में इन्होने लोक विरासत समाज का दर्पण, लोक परम्परा और विरासत को करीब से महसूस करने के लिए यूट्यूब पर “अपणा गीत अपणा जागर श्रृखला शुरू की हैं ।
मीना राणा (Meena Rana)
Uttarakhandi Singer मीना राणा को उत्तराखण्ड की स्वर कोकिला भी कहा जाता हैं । फीमेल गायिका की लिस्ट में मीना राणा लोगों की पहली पसंद हैं । मीना राणा का नाम ना सिर्फ उत्तराखण्ड बल्कि बाहर भी गूंजता हैं । इनकी मधुर आवाज़ के लाखों लोग कायल हैं और ये गढ़वाली, कुमाउँनी, जौनसारी, हिन्दी में कई गीत गा चुकी है। मीना राणा उत्तराखण्ड की एक मात्र ऐसी लोक गायिका है , जो उत्तराखण्ड संगीत जगत के कई लोकप्रिय कलाकारों के साथ काम कर चुकी है और आज भी निरन्तर उत्तराखण्ड संगीत जगत के साथ जुड़ी हुई है। मीना राणा “ओ साहिबा”. लौंडा चन्द्रा, पल्या गों का मोहना जैसे कई सोलो सुपरहिट भी गा चुकी है।
मंगलेश डंगवाल (Manglesh Dangwal)
उत्तराखंड के मशहूर गायक मंगलेश डंगवाल ने अपने गढ़वाली गीतों से उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि विदेशो में भी अपना नाम कमाया है। लोगों के फैंस होते है, लेकिन इनके चाहने वाले है। मंगलेश डंगवाल ने एक समय के लिए उत्तराखण्ड संगीत को ही बदल के रख दिया था। मंगलेश डंगवाल के “माया बांद” गीत ने इन्हें रातो रात उत्तराखण्ड का स्टार बन दिया था। कई सालों से मंगलेश उत्तराखंड संगीत जगत से दूर है। लेकिन मंगलेश अपनी आवाज़ का जलवा फिर से बिखेर सकते है। मंगलेश ने मेरी सुभागा सजीली ,सिल्की बांद, मेरी छौदांडी ,शुभ दिन आयो चा जैसे कई सुपरहिट गीत गाए है।
गजेंद्र राणा (Gajendra Rana)
गजेंद्र राणा उत्तराखण्ड के जाने -माने गायक है। कहीं ना कहीं उत्तराखण्ड संगीत जगत का ट्रेंड बदलने में इनका बड़ा योगदान है। इनके गीतों को सुनकर न सिर्फ लोगों का मनोंरजन होता है, बल्कि लोग नाचने को भी मज़बूर हो जाते है। एक समय था जब गजेंद्र राणा और मीना राणा की जोड़ी को उत्तरखण्ड में सबसे लोकप्रिय माना जाता था। गजेंद्र राणा ने उत्तराखण्ड संगीत जगत को एक से बढ़कर एक सुपरहिट गीत दिए है। बबली तेरो मोबाइल, फुर्की बांद ,जैसे कई सुपरहिट गीत गाए है। हाल ही में यूटुब पर इनका “बिरमा भग्यानी ” वीडियो रिलीज़ हुआ है। जिसको दर्शकों का बेहद प्यार मिल रहा है
संगीता ढौंडियाल (Sangeeta Dhoundiyal)
उत्तराखंड संगीत जगत में संगीता ढौंडियाल ने अपनी अलग पहचान बनाई है। शानदार आवाज़ के साथ संगीता की खूबसूरती के चर्चे उत्तराखण्ड के बाहर भी है। संगीता ढौंडियाल फोक सिंगर होने के साथ-साथ एक्ट्रेस भी हैं. वो कई रीजनल फिल्म्स में काम कर चुकी हैं. उनकी सुरीली आवाज की वजह से उन्हें ‘वॉइस ऑफ उत्तराखंड’ भी कहा जाता है। संगीता आज भी उत्तराखंड संगीत जगत के साथ जुड़कर नये -नये गीतों के ज़रिये दर्शकों का बेहद मनोरजन करती है। संगीता के “ढोल दमौ ” वीडियो ने यूट्यूब पर काफी सुर्खियां बटोरी है। उनके ढोल दमौ ” वीडियो को यूट्यूब 1 करोड़ से भी ज़्यादा लोग देख चुके है। हाल ही में उनका एक और वीडियो गीत “रे मालू” उनके यूट्यूब चैनल पर रिलीज़ हुआ था, इस गीत को भी दर्शकों का भरपूर प्यार मिला है।
किशन महिपाल (Kishan Mahipal)
किशन महिपाल उत्तराखण्ड के मशहूर गायक के साथ -साथ फिल्मों का निर्देशन भी करते है। पहाड़ में ऐसा कोई समारोह नहीं होता, जिसमें इनके गाए गीत ना बजते हों। “फ्योंलड़िया” तो आपने सुना ही होगा, रिकॉर्ड बना चुके इस गीत को गाने वाले अपने किशन महिपाल ही हैं। गीतों के साथ -साथ इनकी आवाज़ भी दमदार है। किशन महिपाल ने हाल ही में हिलीवूड न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में लोक कलाकारों को लेकर संस्कृति विभाग के खिलाफ आवाज़ उठाई थी। उनका ये वीडियो सोशल मीडिया में काफी लोकप्रिय हुआ था। किशन महिपाल ने घुघूती, सोबनी बाना,”फ्योंलड़िया” जैसे कई सुपरहिट गीत भी गाए है।
हेमा नेगी करासी (Hema Negi Karasi)
यूं तो हेमा नेगी करासी पिछले कुछ सालों से ही चर्चाओं में आने लगी है। लेकिन इनकी मेहनत, लगन और संघर्ष का सफर काफी पुराना है। हेमा नेगी ने गीतों के साथ -साथ जागर में भी महारत हासिल की है। हेमा नेगी करासी इस नाम को पहले कुछ ही लोग जानते थे। लेकिन आज ये नाम एक ब्रांड बन चुका है। गीतों के अलावा हेमा लाइव प्रोग्राम भी करती है। हेमा नेगी करासी के सोबनु वीडियो को यूट्यूब पर हाल ही में 7 मिलियन से भी ज़्यादा लोग देख चुके है। मखमली घाघरी, गिर गेदुवा, भलू लगदु मेरु मुलुक जैसे कई सुपरहिट गीत गाए है, लेकिन इनके “मेरी बामणी ” गीत ने यूट्यूब मर तहलका मचा दिया। “मेरी बामणी ” गीत को यूट्यूब पर अब तक 1 करोड़ से भी ज़्यादा लोग देख चुके है।
ये तो थे उत्तराखंड के वो बेमिसाल लोक कलाकार जो ना सिर्फ उत्तराखंड बल्कि उत्तराखंड के बाहर भी काफी लोकप्रिय हैं। ये सभी कलाकार शुरुआती दिनों से लेकर आज डिजिटल की दुनिया में भी अपना खूब नाम कमा रहे हैं।