उत्तराखंड का वो मंदिर जिसका रहस्य सुनकर वैज्ञानिक भी हैं हैरान

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उत्तराखंड का वो मंदिर जिसका रहस्य सुनकर वैज्ञानिक भी हैं हैरान

उत्तराखंड जो एकलौता ऐसा प्रदेश है जहां भारी संख्या में देवी- देवताओं का राज है, यही कारण है कि इसे देवभूमि भी कह जाता है, समय-समय पर हम आपको यहां मौजूद प्रसिद्ध मंदिरों की शैर भी करवाते हैं, उसी कड़ी में आज हम आपको अल्मोड़ा की खूबसूरत वादियों में स्थित एक ऐसे मंदिर के दर्शन करवाने वाले हैं जो विश्व प्रसिद्ध है.

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चलिए आपके इस उतावलेपन को कम करते हुए बता देते हैं कि आज हम आपको अल्मोड़ा स्थित कसार मंदिर की शैर करवाने वालें हैं, जो अपनी पहचान विश्वस्तर तक रखता है, यह मंदिर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में कश्यप पर्वत पर स्थित है, जो समुद्र तल से 2,116 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, यहां एक चुंबकीय शक्ति है, जो भक्तों को प्रभावित करती है.

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यह मंदिर करीब 1800 साल पुराना बताया जाता है, यह मंदिर विज्ञान के सभी नियमों को फेल करता है, जो भक्तों को प्रभावित करती है, कहा जाता है कि जब स्वामी विवेकानंद यहां आए थे, तब उन्हें यहीं पर अपार ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, कसार देवी मंदिर में मां दुर्गा को पूजा जाता है और माना जाता है कि इस जगह पर मां दुर्गा साक्षात प्रकट हुई थी, मंदिर में मां दुर्गा की 8 रूपों में से एक रूप देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है, बता दें 1960 और 1970 के दशक में हिप्पी आंदोलन के दौरान यह एक  लोकप्रिय स्थान था, जो गांव के बाहर, क्रैंक रिज के लिए भी जाना जाता है, और घरेलू और विदेशी दोनों ही ट्रेकर्स और पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है.

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धार्मिक महत्व के अलावा, कसार देवी मंदिर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है, एक पहाड़ी के ऊपर स्थित, मंदिर आसपास के बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों के आश्चर्यजनक दृश्य प्रस्तुत करता है, जो इसे पर्यटकों और ट्रेकर्स के लिए एक लोकप्रिय स्थान बनाता है, अगर आपको शांतभरे माहौल का आनंद लेना है तो आप एक बार इस मंदिर के दर्शन ज़रूर करने के लिए जाएं, यकीनन ये जगह आपको ज़रूर पसंद आएगी, इस मंदिर को घूमने का असल मजा सर्दियों में ही है, इसलिए ज्यादातर लोग नवंबर से जनवरी के बीच इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं.

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