शब्दों का बहुत प्रभाव होता है और जब शब्दों को गीत का रूप दिया जाता है तो उसकी बात ही कुछ और हो जाती है। आज ऐसे ही एक कलमकार से आपका परिचय कराएंगे जिन्होंने अपनी कलम से कई बेहतरीन गीतों की रचना की है और शायद सभी संगीत-प्रेमी इस नाम से भली भांति परिचित भी होंगे बांगर पट्टी के रहने वाले सुरेंद्र सत्यार्थी जिन्होंने अपनी कलम से उत्तराखंड संगीत को कई सुपरहिट गीत दिए हैं 50 से अधिक गीतों की रचना करने वाले सुरेंद्र सत्यार्थी कलम के साथ कंठ के भी धनी हैं।
जी हाँ रुद्रप्रयाग जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्र बांगर पट्टी खलियान गांव के निवासी सुरेंद्र सत्यार्थी के रूप में संगीत जगत को एक युवा गीतकार मिला जिनकी कलम से ऐसे गीत निकले जिससे कई गायकों की किस्मत खुल गई और उनके गीत हिट साबित हुए। जी हाँ आपने सदैव ही ध्यान दिया होगा यूट्यूब पर गीतकार की श्रेणी में गायक कोई और होता है जबकि गीतकार कोई और।
जितना श्रेय गायक को जाता है उससे कहीं अधिक उस रचनाकार को जाता है जिसने अपनी कलम से इतने सुन्दर गीतों की रचना की।
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सुरेंद्र सत्यार्थी वैसे अब तक कई गीत लिख चुके हैं लेकिन उनमें से कुछ गीतों के बारे में आपको बता दें जो काफी सुपरहिट हुए थे। लोकगायक गजेंद्र राणा हों या आज की पीढ़ी के गायक सभी ने सुरेंद्र सत्यार्थी के गीतों को पसंद किया और उन्हें अपनी आवाज दी। उनके लिखे गीत छकना बांद,देहरादून की भली बन्दोला,छोरी 420, जम्मू कश्मीर मा गजुली लगी गे लड़ाई,चक्का चुंदरी जिन्हें गजेंद्र राणा ने अपनी आवाज दी है उसके बाद इनका नाम सुर्ख़ियों में आया और गायकों का ध्यान इस युवा गीतकार की ओर गया। ये दौर चलता रहा और उनकी कलम में निपुणता बढ़ती गई उन्होंने गीतों गीतों की रचना जारी रखी, युवाओं की पसंद बन चुके गीताराम कंसवाल के कई गीत सुरेंद्र लिख चुके हैं जिसमें ,वीजा लगिगे विदेश मस्कट,रेशमा छोरी,मेरी बजरया गौं की छोरी, बन्दोला तेरा गौं ,बिंदुली बौजी,रामलीला मेरा गौं,तेरी मुखड़ी जैसे गीत सुपरहिट रहे।
साथ ही निधि राणा का हाल ही में रिलीज़ हुआ गीत गंगाड़िया बैख जिसके गीतकार सुरेंद्र सत्यार्थी हैं।
कहते हैं अगर किसी कलाकार को सही मंच मिले तो अच्छा कलाकार जरूर अपनी कला का प्रदर्शन करता है,एक गीतकार होने के साथ ही बहुत सुन्दर गायक भी हैं,सुरेंद्र सत्यार्थी का पहला गीत रुसना रवें की यूट्यूब पर रिलीज़ हुआ था उसके बाद ये सिलसिला लगातार जारी है और अब तक मेरी घमली, मेरा अनु की मांजी,रंजना छोरी, वासुलया बौ,बलमा कू मुबेल, जैसे गीत गा चुके हैं। अपने भूमि के भूमियाल 16 गाँव बांगर पट्टी के राजा भगवान् वासुदेव का जागर गा चुके हैं।जिसमें उन्होंने टिहरी राजा द्वारा 52 गढ़ के देवी-देवताओं को बंधक बनाने एवं संकटमोचक वासुदेव भगवान कैसे सभी देवी देवताओं को बंधन से मुक्त कराते हैं और देवभूमि के सभी देवी देवताओं को अपनी डोली में बिठाते हैं पूरी घटना का वर्णन किया है। राजा द्वारा सरकारी फीस के रूप में कांस की घण्डुलि भगवान् वासुदेव को भेंट की गई। वासुदेव भगवान 16 गाँव बांगर के इष्ट देव हैं और घर-घर में उनकी नाम की दिया बाती जलती है,सूखे खेतों में हरियाली देने वाले भगवान वासुदेव का मंदिर पुजारगांव में है जहाँ दो नदियों के बीच वासुदेव भगवान का भव्य मंदिर है 12 वर्ष के अंतराल पर यहाँ 18 दिन की जग्गी का आयोजन होता है।
आप भी सुनिए प्रचाधारी वासुदेव् का स्तुति जागर ;
HILLYWOOD NEWS
RAKESH DHIRWAN