Sangeeta Dhoundiyal Video
हिलीवुड लाइव
कुछ दिन पहले 31 जुलाई को संगीता ढौंडियाल चैनल पर एक गीत रिलीज हुआ था ‘रे मालू’ जो कि काफी प्राचीन लोकगीत है जिसे संगीता ढौंडियाल ने अपनी आवाज में गा कर फिर से प्रस्तुत करने की कोशिश की है। इस गीत ने रिलीज होते ही यूट्यूब पर धमाल मचा दिया था । जैसे ही यह गीत वायरल होने लगा तो राठ क्षेत्र के लोगों ने (जिस क्षेत्र का वर्णन गीत में किया गया है) संगीता ढौंडियाल पर उंगलिया उठानी शुरू कर दी और उनको प्रताड़ित किया जाने लगा यहां तक कि संगीता ढौंडियाल को जान से मारने तक की धमकी दी गयी। इसके बाद संगीता ढौंडियाल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया जिसमें उनको प्रताड़ित किये जाने का दुख साफ नजर आया, साथ ही उन्होंने दुखी होकर अपने चैनल से गीत भी हटा दिया।
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प्रश्न 1 – सबसे पहले हम आपसे ये जानना चाहेंगे कि लोकगीत है क्या ?
इस पर हिलीवुड न्यूज ने संगीता ढांैडियाल से दूरभाष पर बात की और उन्होंने बताया –
उत्तर – यह पता होना जरूरी है कि लोकगीत क्या है सामान्य भाषा में लोकगीत बनते ही आपबीती पर हैं उन घटनाओं पर जो सच में घटित होती हैं। जब भी हमारे साथ कुछ भी घटित होता है उसे गीत के माध्यम से लोगों तक पंहुचाया जाता है।
प्रश्न 2 – आपने जो लोकगीत गाये हैं उसके बारे मे कुछ बतायें ?
उत्तर – मैनें जो गीत गाया उसे सिर्फ नये तरीके से कम्पोज किया गीत वो ही है जो पहले था उसमें को ई बदलाव नहीं किया वह पारम्परिक लोकगीत है जिसे प्रसिद्ध लेखक नन्दकिशोर हटवाल जी की चांचरी जुमा को किताब से मैनें लिया है।
प्रश्न 3 – राठ क्षेत्र है क्या और वहां के लोगों का इस गीत को लेकर इतना विरोध क्यों है ?
उत्तर – राठ एक ऐसा क्षेत्र है जो पहले काफी कठिन और दुर्गम माना जाता था और सिर्फ राठ ही नहीं उत्तराखण्ड में तो हर जगह दुर्गम ही है और इस गीत में तो सिर्फ इतना बताया गया है कि एक लड़की है जिसकी शादी तय हो रही है लेकिन वो लड़की अपने माॅं-बाप को कह रही है कि वो वहां पर नहीं रह पायेगी क्योंकि वो एक कठिन और दुर्गम क्षेत्र है जहां उसे कठिनाइयां उठानी पड़ेगी।
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प्रश्न 4 – तो राठ के लोगों ने इसका विरोध किया क्यों ?
उत्तर – राठ के लोगों को लगा कि इस गीत में राठ क्षेत्र को बुरा बताया जा रहा है इस गीत में लड़की एक लाइन बोलती है कि ‘नी जाणू नी जाणू पापी मुल्क’ तो राठ के लोगों ने कहा है कि पापी बोलकर इन्होंने राठ क्षेत्र को गाली दी है जबकि पापी कहकर लड़की सिर्फ वहां न रहने की बात को कहना चाह रही है और यह गीत तो पहले से ही लिखा हुआ है। इतनी जगहों पर पहाड़ी औरते इसका मंचन करती है जो आंछरी गीत गाती हैं वो शादी ब्याह में ये गीत भी गाती हैं तब तो किसी ने इसका विरोध नहीं किया और अब जब इसको हमारे द्वारा प्रस्तुत किया गया तो लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। जबकि वीडियो के विवरण में मैने संक्षिप्त में लिखा था कि यह सिर्फ एक लड़की की कहानी है।
प्रश्न 5 – हम जानना चाहते हैं कि आप कब से इंडस्ट्री में हैं ?
उत्तर – मैं जब 5 साल की थी तब से ही गा रही हूॅं, मेरे पापा खुद एक आर्टिस्ट रह चुके हैं जो रामलीला का मंचन किया करते थे। इसीलिए मुझे बचपन से इन सब में रूची रही है वैसे तो गायकी के लिए मुझे बाॅलीवुड से भी आफर आये लेकिन हमेशा से अपने उत्तराखण्ड अपने पहाड़ के लिए कुछ करना चाहती हॅू और हमेशा करती रहूंगी। उतार-चढ़ाव तो आते रहते हैं।
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तो हमने अभी तक संगीता ढौंडियाल के बारे में उनसे जाना उनकी बातों से उनके गायन के सफर मंे सिर्फ पहाड़ो से प्यार ही दिखाई देता है। हमारेे उत्तराखण्ड में बहुत से पौराणिक लोकगीत हैं जो कहीं खो से गये हैं और संगीता ढौंडियालने कोशिश की है उन पौराणिक गीतों को सामने लाने के लिए जो पन्नो मंे हमेशा अमर दर्ज रहेंगी, तो इसमें कोई बुराई नहीं।
अतः ऐसे कलाकारों को प्रेरणा देनी चाहिए आगे बढ़ने के लिए संगीता ढौंडियाल की आवाज में ‘रे मालू’ गीत कुछ बदलाव के साथ फिर से आप सब के सामने कुछ ही दिनों में प्रस्तुत होगा। संगीता ढौंडियाल को हमेशा की तरह अपना प्यार और साथ दीजिएगा।
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सीमा रावत की रिपोर्ट