दुःखद: उत्तराखंड प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद का निधन हो गया है, जिन्होंने उत्तराखंड के हास्य जगत में एक अनमोल छाप छोड़ी है। पिछले 5 दिनों से वे आईसीयू में वेंटिलेटर पर थे, जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम उनके स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी कर रही थी। वहीं अब उनके निधन से उत्तराखंड के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके प्रशंसकों और परिजनों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। घनानंद का जीवन एक संघर्ष की कहानी थी, जिन्होंने अपने हास्य और अभिनय कौशल से लोगों के दिलों पर कब्जा किया था। उनकी यादें हमेशा हमारे दिलों में रहेंगी।
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बता दें, मिली जानकारी के अनुसार आज यानी मंगलवार को प्रदेश के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घन्ना भाई का निधन हो गया है। घन्ना भाई उत्तराखंड रंगमंच के मझे हुए कलाकार थे। घनानंद का जन्म 1953 में पौड़ी के गगोड़ गांव में हुआ था। उनकी शिक्षा कैंट बोर्ड लैंसडाउन जिला पौड़ी में हुई थी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1970 में रामलीलाओं में हास्य कलाकार के रूप में की थी। इसके अलावा, उन्होंने उत्तराखंड की कई फिल्मों में भी काम किया, जिनमें घरजवैं, चक्रचाल, बेटी-ब्वारी, जीतू बगडवाल, सतमंगल्या, ब्वारी हो त यनि, घन्ना भाई एमबीबीएस, घन्ना गिरगिट और यमराज प्रमुख हैं।
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घनानंद ने रेडियो और दूरदर्शन पर भी कई कार्यक्रम किए। उन्होंने राजनीति में भी किस्मत आजमाई और 2012 विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर पौड़ी विधानसभा से चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद, वे चुनाव में भाजपा के लिए स्टार प्रचारक की भूमिका में उतरते रहे।
और अब उनका इस तरह यूं चले जाना उत्तराखंड कला प्रेमियों के लिए एक बड़ा झटका है।