ब्रेकअप एंथम बन चुका प्रियांक आर्य का “लाटू” गीत

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उत्तराखंड का टैलेंट: संगीत जगत में नई दिशा

उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, खासकर जब बात संगीत जगत की हो। यहां के कई युवा कलाकार संगीत इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। इन्हीं उभरते हुए कलाकारों में से एक हैं प्रियांक आर्य, जिन्होंने अपने नए गीत से दर्शकों का दिल जीत लिया है।

“लाटू” गीत की लोकप्रियता

दरअसल, हाल ही में रिलीज़ हुआ गीत “लाटू” पूरे उत्तराखंड में चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रियांक आर्य का यह गीत लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। “लाटू” गीत को प्रियांक आर्य के official यूट्यूब चैनल पर रिलीज़ किया गया है। इस गीत के बोल खुद प्रियांक आर्य के द्वारा लिखे गए हैं जिसके वीडियो में उनके साथ ईशा कोटनाला के द्वारा दिया गया हैं। विडियो का निर्देशन शिवानशु पँवार द्वारा दिया गया है।

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गीत का परिचय और थीम

वीडियो की शुरुआत में एक छोटा सा नाट्य रूपांतरण देखने को मिलता है। इसमें प्रियांक आर्य अच्छे से तैयार होकर ईशा कोटनाला के सामने आते हैं और उनसे बात-चीत करने की कोशिश करते हैं। इसी बातचीत के दौरान वह अपने दिल की बात कहकर शादी का प्रस्ताव रखते हैं, जिसे ईशा एकदम से ठुकरा देती हैं और इसी अस्वीकृति पर ही यह गीत आधारित है।

“लाटू” एक गढ़वाली बोली का शब्द है, जिसे प्रियांक आर्य ने खुद के लिए इस्तेमाल किया है। “लाटू” का सीधा अर्थ “बेवकूफ” होता है। गीत के माध्यम से प्रियांक आर्य कहते हैं कि, उनकी प्रेमिका ने उन्हें “लाटू,” यानी कि बेवकूफ, बना दिया है। इस गीत के जरिए वह यह भी बताते हैं कि पहाड़ों में रिश्ते बनाना कितना कठिन है और पहाड़ की अधिकांश लड़कियां शहरी जीवन का आनंद लेना पसंद करती हैं। इसलिए, वे गांव में रहने वाले सीधे-साधे व्यक्ति के बजाय शहर में काम करने वाले गाड़ी-बंगले वाले लड़के को चुनती हैं।

“लाटू”: युवाओं का ब्रेकअप एंथम

प्रियांक आर्य का “लाटू” गीत प्यार में धोखा खाए युवाओं के लिए एक ब्रेकअप एंथम बन चुका है, जो विशेष रूप से युवाओं, खासकर पुरुषों, के बीच काफी पसंद किया जा रहा है। इस तथ्य को गीत के कमेंट सेक्शन में मिलने वाली प्रशंसा से समझा जा सकता है। जहां एक दर्शक लिखते हैं, “उत्तराखंड के पहाड़ी युवाओं की मन की बात, बेरोजगार और अविवाहित युवाओं की सच्चाई है इस गाने में।” वहीं, दूसरे दर्शक लिखते हैं, “भाई जी, यह एक सच्ची कहानी है। आजकल के लोगों को समझ आए, काश कि शहरों में कुछ भी नहीं है, बस उम्र निकल जाती है पैसे कमाते-कमाते। वह खुशी तो उन्हें सिर्फ पहाड़ों में ही मिलेगी। कृपया पैसे से ज्यादा लड़के की खूबियों को महत्व दें।”

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गीत की लोकप्रियता और प्रतिक्रिया

वहीं, ऐसे कई कमेंट्स गीत की प्रशंसा में किए गए हैं और देखते ही देखते यूट्यूब पर इस गाने ने लाखों का आंकड़ा पार कर लिया है। “लाटू” गीत ने न केवल उत्तराखंड के संगीत प्रेमियों का दिल जीता है, बल्कि यह उन पहलुओं को भी उजागर करता है जिन्हें लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। प्रियांक आर्य के इस प्रयास को दर्शकों से मिली प्रतिक्रिया यह साबित करती है कि उत्तराखंड की संगीत इंडस्ट्री में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है और ये युवा कलाकार इसे नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।