बता दें, पण्डौ बैंड की यात्रा “रंचणा” से शुरू हुई और उसके बाद उन्होंने “हे जी सार्यूं मां”, “शकुना दे” और “यकुलांस” जैसे यादगार प्रदर्शनों से उत्तराखंड के अलावा देश और दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। और अब राधा गीत से। पांडवाज़ के इस गीत की कहानी का ताना-बाना पहाड़ी नारी के कष्टमय जीवन के ऊपर बुना गया है। जिसमें बेहद ही शालीनता के साथ दिखाया गया है कि, हमेशा पहाड़ी नारी का जीवन कष्टमय रहा है। सुबह से लेकर शाम तक उससे हमेशा कभी घास की चिंता, कभी खेत खलियान की चिंता, कभी परिवार की चिंता। पहाड़ी नारी ने कभी अपनी चिंता नहीं की थक हार कर वह हमेशा अगले दिन के काम की चिंता में सो जाती है।। असल में देखा जाए तो हमारी पहाड़ी नारी ने ही हमारी संस्कृति को सजोए रखा है। वास्तव में देखा जाए तो उत्तराखंड की महिलाओं की मेहनत और संघर्ष की सच्ची तस्वीर इस गीत में दिखाई देती है।
राधा गीत में मधुर आवाज के साथ कर्णप्रिय संगीत के बीच ऊखीमठ के करोखी गांव के बुढ़देवा स्वांग को प्रेम मोहन डोभाल ने बखूबी निभाया है। साथ ही राधा-रुक्मणी स्वाङ्ग : संजना चौहान और आयशा घिल्डियाल के द्वारा निभाया गया है। राधा गीत में पांडवाज़ टीम के सदस्य ईशान डोभाल, अनिरुद्ध चन्दोला, सुशान्त भट्ट, गौरव राजपूत, दीपक नैथानी, राकेश रावत, श्रेष्ठ शाह, अंजलि खरे, शिवानी भागवत, राशि पन्त और राजदीप भट्ट की मधुर आवाज सुनने को मिली।
बता दें ,पांडवाज से आप सभी भली भांति परिचित हैं और उत्तराखंड फिल्म एवं संगीत जगत में इनका नाम बड़े ही आदर और सम्मान से लिया जाता है। इनके काम के प्रति लगन देखते ही बनती है,ना कोई शोर गुल ना धूम धाम चुपके से आएंगे और आपको कुछ ऐसा दे जाएंगे जो आपकी सोच से भी परे हो। ऐसी ही एक कथा को पांडवाज ने नए कलेवर में प्रस्तुत किया है। जब टीम सभी सदस्यों ने पहाड़ी नारियों के इस संघर्ष को एक सुरों में बाधा तो जिसने भी इसे देखा और सुना उसके पास प्रसंशा के अलावा और कोई विकल्प ही नहीं बचता। जिसमें कुछ लोग लिखते हैं “उत्तराखंड की महिलाओं की मेहनत और संघर्ष की सच्ची तस्वीर इस गीत में दिखाई देती है। उनके समर्पण और ताकत को सलाम। गर्व है कि मैं उत्तराखंडी हूं। जय उत्तराखंड!” तो कोई ता लिखता है “आखिर आप लोगों ने वह कर ही दिखाई जिसको सुनने के लिए और महसूस करने के लिए सभी के हृदयव्याकुल थे अपने उत्तराखंड की संस्कृति को और परंपराओं को इस गाने के माध्यम से एक सूत्र में बांधकर रखा है यह हर नारी का जीवन है जो इतनी कठिन परिस्थितियों में भी यहां हर समय अपने गुणवत्ता का परिचय देती रहती है आप लोगों को तहे दिल से धन्यवाद” तो कई लोगों ने ये भी लिखा है कि,”पहाड़ की राधाओं के लिए अती सुंदर प्रस्तुति | पांडवास का इन छोटी-२ लेकिन बहुत ज़रूरी मुद्दों पर ध्यान देने के लिये आपको कोटी-२ नमन | हमारी संस्कृति को बनाये रखने मैं आप सफल होते रहिए यही आशा और उम्मीद है”