आसमान की सीमा हो सकती है पर हमारे हौसलों की नहीं। मुझे अपने सपनों को सच कर दिखाने का दे दो अवसर।’ कह रही हैं हमारी बेटियां। हर क्षेत्र में अपना ‘स्पेस’ पाने को आतुर। आखिर वे देश की आधी आबादी हैं देश की प्रगति में बराबर की भागीदाऱ।
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पहाड़ के बेटे ही नहीं बेटियां भी देशसेवा में अपना अहम योगदान दे रही हैं। अपनी प्रतिभा और मेहनत से कामयाबी का आसमान छू रही हैं। सफलता का शिखर छूने वाली इन बेटियों में अब एक नाम पल्लवी गोस्वामी का भी है। जो कि भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर उत्तराखंड का मान बढ़ा रही हैं।
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पल्लवी बागेश्वर जिले के गरूड़ तहसील क्षेत्र के कफलढूंगा गांव की रहने वाली हैं। 4 साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद वह सेना में अफसर बनने में कामयाब हुई हैं। पल्लवी की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं उनके घर पर भी बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। राज्य के दूसरे युवाओं की तरह पल्लवी भी हमेशा से सेना ज्वाइन करना चाहती थीं। अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की।
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पल्लवी गोस्वामी ने अपनी इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल से की है। इसके बाद उन्होंने मिलिट्री नर्सिंग की परीक्षा उत्तीर्ण कर ट्रेनिंग के लिए नर्सिग कमांड हॉस्पिटल कॉलेज, लखनऊ से चार वर्षीय कठिन प्रशिक्षण प्राप्त किया। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उन्होंने लेफ्टिनेंट पद के लिए कमीशन लिया और देश सेवा की राह पर चल पड़ीं। शपथ ग्रहण समारोह में उनके माता-पिता ने खुद बेटी के कंधों पर सितारे सजाकर उन्हें भारतीय सेना को समर्पित किया। पल्लवी का परिवार सैन्य परंपरा को आगे बढ़ा रहा है। उनके पिता नारायण गिरी गोस्वामी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त सूबेदार है, जबकि उनकी माता रेखा गोस्वामी एक कुशल गृहणी हैं। पल्लवी ने अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय अपने नाना नारायण गिरी, दादा बालागिरी, माता-पिता व एम्स पटना में नियुक्त बड़ी बहन दीक्षा को दिया। राज्य समीक्षा टीम की ओर से पल्लवी Pallavi Joshi को शुभकामनाएं।
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