अब माता-पिता भी संतान की संपत्ति में हिस्सेदार, यूसीसी लागू होने पर होगा यह बदलाव

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समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद आम लोगों के उत्तराधिकार से जुड़ा एक बड़ा बदलाव होगा। अब तक, उत्तराधिकार कानून के तहत पति की मृत्यु के बाद बैंक-बैलेंस, संपत्ति आदि पत्नी को ही मिलती थी, जिससे माता-पिता बेसहारा रह जाते थे। लेकिन यूसीसी आने पर यह विसंगति समाप्त हो जाएगी और संतान की मृत्यु होने पर माता-पिता भी उसकी चल-अचल संपत्ति में हिस्सेदार रहेंगे ।

यह बदलाव वृद्ध माता-पिता के लिए एक बड़ी राहत होगी, जो अक्सर अपने बच्चों के द्वारा छोड़ दिए जाने के बाद असहाय हो जाते हैं। देश में वृद्ध लोगों की संख्या तीव्र गति से बढ़ रही है, और ऐसे में यह बदलाव उनके जीवन स्तर को सुधारने में मदद करेगा ।

सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) की नियमावली का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। शुक्रवार को अंग्रेजी भाषा में यह ड्राफ्ट सरकार को सौंप दिया गया है। अब इसे अनुवाद कराने के साथ विधि और न्याय विभाग के समक्ष तकनीकी समीक्षा के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद सरकार मंत्रिमंडल की बैठक कर यूसीसी को प्रभावी तौर पर लागू करने की तिथि की घोषणा कर सकती है।

यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) की नियमावली का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है, जिसमें पति-पत्नी को विवाह का पंजीकरण कराने के लिए छह माह का समय दिया जाएगा। यह ड्राफ्ट दो वॉल्यूम और चार हिस्सों में है, जिसमें एक वॉल्यूम में 200 और दूसरे में 410 पन्ने हैं ।

मुख्य बिंदु:

– विवाह और विवाह विच्छेद: इसमें विवाह और विवाह विच्छेद से संबंधित नियमों को तय किया गया है।
– लिव इन रिलेशनशिप: इसमें लिव इन रिलेशनशिप को मान्यता दी गई है।
– जन्म और मृत्यु पंजीकरण: इसमें जन्म और मृत्यु पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
– उत्तराधिकार संबंधी नियमों: इसमें उत्तराधिकार संबंधी नियमों को स्पष्ट किया गया है।

यूसीसी लागू होने के बाद उन सभी पति-पत्नी को विवाह का पंजीकरण कराने के लिए छह माह का समय दिया जाएगा, जिन्होंने कानून लागू होने से पहले शादी की। इसके अलावा, छह महीने बीतने के बाद उन जोड़ों को तीन महीने का समय दिया जाएगा, जिन्होंने यूसीसी लागू होने के बाद शादी की ।