गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों में पहाड़ बसता है शायद ही कोई ऐसा भाव हो जिसको उन्होंने गीत का रूप न दिया हो। 2019 लोकसभा चुनाव हों और नेगी जी की बात न हो ऐसा कैसे हो सकता है। एक गीतकार संगीतकार और गायक नरेंद्र सिंह नेगी पहाड़ की विश्वनीय आवाज बने,उनके गीतों को जिसने भी सुना उसे अपने मन की पीड़ा ,हर्ष ,उल्लास का आभास हुआ।
वहीँ व्यंगय और कटाक्ष राजनैतिक गीतों के जरिए तख्तापलट की भी आवाज बने।कर्नल कोठियाल के टिकट न मिलने पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की
लोकसभा चुनाव का दौर है और उत्तराखण्ड में भी चुनावी माहौल मौसम की तरह गरम हो चुका है,अपने गीतों से राजनेताओं की नींद उड़ाने वाले नेगी दा का जिक्र होना कोई आश्चर्य का विषय नहीं है।
हाल ही में देश के बड़े चैनल ने भी गढ़रत्न नेगी का साक्षात्कार इसी विषय में लिया है जिसमें नेगी ये कहते दिखे “मैं कोई राजनैतिक पंडित तो नहीं हूँ लेकिन फिर भी जनता की आवाज को गीत के माध्यम से बयां करता हूँ ”
एन डी तिवारी की सरकार हिला देने वाला गीत नौछमी नारेंण कौन भूल सकता है फिर बीजेपी सरकार के समय भी अब कथगा खेलो। राजनीति की अंदरूनी सच्चाई को जनता के सामने रखते हैं। इस बार कोई नया गीत तो दर्शकों को नही मिला लेकिन उन्होंने अपने पुराने गीत को माहौल को गर्माने के लिए ऐगे फिर चुनौ ऐगे गीत को अपने ऑफिसियल यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया है।
HILLYWOOD NEWS
RAKESH DHIRWAN