देश की सबसे लंबी और पहली मिलेट क्रांति साइकिल रैली का समापन हो गया है। मिलेट क्राँति के परिपेक्ष में यह देश की पहली अनोखी साइकिल रैली है जिसने तीन दिनों लगभग 300 KM की दूरी तय कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
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बता दें देहरादून से 300 किमी का सफ़र तय करने के बाद मिलेट साईकिल क्रांति रैली का समापन चमोली जिले के सीमांत गांव मुंदोली में हुआ, बीते दिन ग्रामीणों ने यहां पर रैली का अपने पारम्परिक अंदाज में भव्य स्वागत किया देर रात तक ग्रामीणों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों से रैली में आए देश के विभिन्न प्रांतों से आए साइक्लिस्ट एवं नथुली संस्था के सदस्यों का मनोरंजन किया युवा ग्राम प्रधान आनंद सिंह बिष्ट के नेतृत्व में ग्रामीण महिलाओं एवं पुरुषों ने लोकनृत्य झोड़ा, चांचड़ी की प्रस्तुतियों से आगंतुकों का मन मोह लिया, इस दौरान नथुली संस्था के सदस्य भी इसमें शामिल रहकर लोकपरम्परा से रूबरू हुए आज सुबह मिलेट क्रांति साइकिल रैली के साइकिलिस्ट एवं रैली के सदस्यों का नथुली संस्था की संस्थापिका सुमन नैनवाल एवं आर्किटेक देवेश नैनवाल ने तांबे के तमगे और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया
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वही इस दौरान पारंपरिक वेश भूषा से सज्जित मुंंदोली के बच्चों ने नंदा देवी राजजात यात्रा गीत, धरती हमारा गढ़वाल की जैसे कई बेहतरीन प्रस्तुतियां दी, नथुली संस्था की संस्थापिका सुमन नैनवाल ने कहा हमने मिलेट क्रांति साइकिल रैली के अंतिम पड़ाव के लिए मुंंदोली गांव को इसलिए चिन्हित किया था कि ये गांव आज भी हर तरह से संपन्न है और यहां से पूरे देश को ये देश देने का प्रयास था कि गांवों में मोटे अनाज को उगाकर भी संपन्न रहा जा सकता है, साथ ही उन्होंने ग्रामीणों की आवभगत की खूब प्रसंशा की और कहा कि शब्दों से आपका धन्यवाद नहीं किया जा सकता 70 सदस्यीय दल का ग्रामीणों ने ऐसे प्रबंध किया मानो वो एक पहाड़ की शादी में शरीक हुई हों, भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों को करवाने का आश्वासन दिया इसके बाद ढोल दमाऊं और मशकबीन से आत्मीयता के भाव से मुंंदोली के ग्रामीणो ने रैली को विदाई दी।
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यह है रैली का मक़सद
भारत सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। देश में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इसकी सार्थक पहल की गई है। उत्तराखण्ड में मोटे अनाज का उत्पादन अधिक होने के बावजूद कम जागरूकता है, इसी लिए चमोली ज़िले की बेटी नथुली संस्था की संस्थापिका सुमन नैनवाल ने यह बीड़ा उठाया। उन्होंने इस रैली का आयोजन कर ग्रामीणों को मोटे अनाजों के प्रचार प्रसार के लिए प्रेरित करने के साथ ही उन्हें इसका मार्केट उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया।
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