मंडुवे की रोटी और मक्खन का बेजोड़ मेल: सर्दियों का खास. ….

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उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में सर्दियों का मौसम हावी हो गया है, और ऐसे में स्थानीय लोग मंडुवे की रोटी और मक्खन का बेजोड़ मेल अपने आहार में शामिल कर रहे हैं। यह विशेष रोटी न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक फायदेमंद है। मंडुवे की रोटी में प्राकृतिक पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर को आवश्यक ऊर्जा और पोषण प्रदान करती है। मक्खन के साथ मिलाकर, यह रोटी न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि शरीर को गर्मी भी प्रदान करती है, जो सर्दियों के मौसम में अत्यधिक आवश्यक होती है।

 

 

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मंडुवे की रोटी मक्खन के साथ खाने में बहुत लजीज होती है। रोटी को नरम बनाता है मक्खन। इसे अक्सर सर्दियों में खाया जाता है। मंडुवे में कैल्शियम, प्रोटीन, ट्रिपटोफैन, आयरन, मिथियोनिन, फाइबर, लेशिथिन, फास्फोरस, कैरोटीन और कार्बोहाइड्रेट आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

 

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मंडुवे की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसे सर्दियों में ही खाना चाहिए। मुंडवा में फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो वजन कम करने में तो सहायक होता ही है, साथ ही पेट की समस्याएं जैसे अपच, एसिडिटी, कब्ज से भी राहत दिलाता है। इसका नियमित सेवन कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी दुरुस्त करता है।

 

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स्थानीय लोगों का कहना है कि मंडुवे की रोटी और मक्खन का बेजोड़ मेल न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक फायदेमंद है। यह विशेष पेय शरीर को आवश्यक पोषण और ऊर्जा प्रदान करता है, और सर्दियों के मौसम में शरीर को गर्मी भी प्रदान करता है। अब तो मंडुवा किराने की दुकानों में मिलता है, वो भी आटे के फॉर्म में पैकेजिंग के साथ। समय के साथ इसका सेवन जरूरी हो गया है। आने वाले समय में यह अभिन्न अंग बनेगा हमारे भोजन का, जैसा पहले था।