मेघा आ फिल्म के निर्माता को समर्पित कुमाउनी गीत ‘मन की पीड़’ बतला रहा प्रवासियों का दर्द।

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यूट्यूब की दुनिया में कुछ गीत ऐसे होते हैं जो दिल छू लेते हैं तब उसमें बेहतरीन गायन हो संगीत हो या गीत परिकल्पना,सबका जब मिश्रण एक गीत में मिलता है तो ये गीत दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बना लेते हैं। उत्तराखंड पलायन की बुरी मार झेल रहा है,और इस पीड़ा को वही समझ सकता है जो विवश होकर अपने घर परिवार से दूर जीवन यापन के लिए परदेश में है,कुमाऊंनी गीत ‘मन की पीड़’ पलायन की परिभाषा का चित्रण कर रहा है। 

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उत्तराखंडी संगीत जगत को कई बेहतरीन एलबम्स देने वाले चाँदनी एंटरप्राइज अपनी अलग तरह की प्रस्तुतियों के लिए विशेष स्थान रखता है,पलायन की समस्या पर आधारित मन की पीड़ वीडियो गीत बहुत ही भावुक और सन्देश देने का कार्य कर रहा है,एक पति पत्नी के संवादों को गीतकार स्वर्गीय जीवन सिंह बिष्ट एवं दीवान सिंह कँवल ने अपनी कलम से सजाय है,गीत को नए अंदाज में प्रस्तुत किया गया है और पलायन जैसी गंभीर समस्या को बहुत ही शानदार तरीके से दर्शाया गया है।चाँदनी एंटरप्राइज ने वीडियो गीत को उत्तराखंड सिनेमा जगत की पहली कुमाऊंनी पारिवारिक फिल्म ‘मेघा आ’ के फ़िल्मकार स्वर्गीय जीवन सिंह बिष्ट को समर्पित किया है।

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गीत को गणेश सिंह मर्तोलिया एवं नीमा रिलकोटिया ने बहुत ही सुरीले अंदाज में गाया है,गीत को संगीत से गुंजन डंगवाल ने संगीत दिया है,वीडियो में मुख्य कलाकार की भूमिका में नीरज सिंह पाँगते व कुमकुम पांडेय नजर आई,सहकलाकार की भूमिका में नवीन बेगाना,गंगोत्री बिष्ट,सरोज जोशी एवं बालम कुमार रहे,वीडियो का फिल्मांकन एवं संपादन धर्मेद्र सिंह ने लिया है,गणेश सिंह मर्तोलिया ने गायन के साथ ही वीडियो का निर्देशन भी किया है।

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पलायन को इससे खूबसूरत अंदाज में शायद ही कभी किसी ने दर्शाया हो,पहाड़ और परदेश में जितना भौगोलिक अंतर  है,उतना ही जीवनशैली में भी अंतर है,वीडियो में एक ऐसे युवा की कहानी दर्शाई गई है जो होटल में नौकरी करता है लेकिन अपने परिवार से इस बात को छिपाकर एक ख़ुशहाल जीवन जीने की बात बतलाता है,लेकिन ये सब करते करते उसे खुद ही अहसास हो जाता है कि अब यहाँ और नहीं रहा जा सकता घर लौटना ही होगा,और अंततः सारी सच्चाई अपने परिवार को बतला देता है,और अपने गाँव लौटकर अपना समाय जीवन जीने लगता है,वीडियो के ये दृश्य बहुत ही भावुक करने वाले हैं,दोनों ही कलाकारों ने अपने किरदार को परदे पर जीवंत किया है जो गीत के भाव हैं उसे बखूबी स्क्रीन पर उकेरा है।गीत,संगीत,पटकथा एवं फिल्मांकन हर विभाग में मन की पीड़ उत्कृष्ट है,ऐसी कहानियों को दिखलाने के लिए चाँदनी एंटरप्राइज वाकई प्रसंशा के पात्र हैं।

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