मिसाल दे रहे हैं खण्डूड़ी दंपति: रिटायरमेंट के बाद गाँव का रुख कर 80 नाली बंजर भूमि को आबाद किया!

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मिसाल दे रहे हैं खण्डूड़ी दंपति: रिटायरमेंट के बाद गाँव का रुख कर 80 नाली बंजर भूमि को आबाद किया!

रिटायरमेंट के बाद शहरों का रुख करने के बजाय खण्डूड़ी दंपति ने गाँव का रुख किया और 80 नाली बंजर भूमि को आबाद कर दिया। इंजीनियर नरेश चंद्र खंडूरी ने श्रीनगर शहर में अपनी सेवाएं देने के बाद देहरादून जैसे बड़े शहरों का रुख करने के बजाय अपने पैतृक गांव में जीवन बिताने की योजना बनाई। गढ़वाल विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्ति के बाद श्री खण्डूड़ी अपने गांव पहुंचे और बंजर पड़ी 80 नाली भूमि को आबाद कर दिया। उनका कहना है, “भले ही हम रोजगार के लिए गांव के बाहर रहे, लेकिन अपनी माटी और थाती को कभी न भूलें।”

श्री खण्डूड़ी का मानना है कि शहरों में आज सुनहरे सपने हैं, लेकिन आने वाला समय गांव का है। इसलिए रोजगार के लिए बाहर रह रहे लोगों को अपने गांव की भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए अभी से पहल शुरू कर देनी चाहिए.उनकी इस मिसाल से गांवों को आबाद करने की नई राह खुल सकती है और पहाड़ों की खोई हुई रंगत पुनः लौट आएगी।

 

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