kedarnath: केदारनाथ आपदा पर दिल को छू लेने वाला गीत

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kedarnath: केदारनाथ की त्रासदी को याद कर शायद दिल यही कुछ कहता है। केदारनाथ मंदिर के पास शांत बह रही मंदाकिनी के नवनिर्मित किनारे पर खडे होकर 16 जून 2013 की रात्रि में नदी के उस रौद्र रूप के बारे में सोच पाना भी मुश्किल है जब उसके पानी में आये प्रल्यकारी उफान में हिमालयी धाम के डूबने के साथ ही देश भर से आये श्रद्धालु, पुजारी, व्यापारी और स्थानीय लोगों सहित करीब हजारों जिंदगियां बह गयी थीं। पूरे देश को हिलाकर रख देने वाली इस आपदा के निशान दूर होने और पुनर्निर्माण कार्य के एक बड़े हिस्से के पूरा होने के साथ ही आज केदारनगरी फिर से लोगों के आने जाने और सभी प्रकार की गतिविधियों के शुरू होने से गुलज़ार हो उठी हो, लेकिन उस भयावह रात और विनाशकारी बाढ़ में डूबे अपनों की जिंदगी तबाह हुई जो कभी न गुलजार हो सकी। हर कोई अपनी अपनी तरफ से इस दर्द को बयान करना चाहता है लेकिन सुना होगा जिस  है वहीं जानता है और ऐसा ही क्यों केदारनाथ की एक महिला व्लॉगर के गीत में देखने को मिला, जिसने सभी को रुला के रख दिया।

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दरअसल, केदारनाथ व्लॉगर नाम के यूट्यूब चैनल की एक महिला (Ashma Negi) ने इस त्रासदी का जिक्र करने के साथ सभी मृतकों श्रद्धांजलि अर्पित की है। श्रद्धांजलि  गीत को जारी करते हुए महिला ने लिखा “दोस्तों इस गीत को बनाने का खास उद्देश्य यह है कि उत्तराखंड के केदारनाथ में 2013-14 में आई आपदा में दिवंगत मृत आत्माओं को श्रद्धांजलि देना है। आप सब लोग मेरा परिवार हो और मैं अपने हर सुख दुख को आप लोगों के साथ साझा करना जरूरी समझती हूँ। दोस्तों 2013-14 की केदारनाथ आपदा की भुक्त भोगी में और मेरे मेरा परिवार भी है इस आपदा में हमने अपने दो जिगर के टुकड़ों को खोया है(भुला भेजी) इन दोनों ने हमारे दिलों में बहुत गहरे जख्म दिए हैं जो कभी नहीं भर सकते हैं । उनकी कमी को कोई पूरा भी नहीं कर सकता है और ना ही हम कभी इनको भूल सकते हैं उनकी याद मरते दम तक दिलों मैं रहेगी। अपने दोनों भाइयों को और केदारनाथ आपदा की भेंट चढ़े सभी मृत आत्माओं को श्रद्धांजलि देते हुए मैंने यह गीत गया है।”

 

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उनकी इस बात से साफ़ जाहिर  होता है कि इस आपदा का शिकार उनका परिवार भी हुआ है,  जो आजतक नहीं भूल पाए हैं। केदारनाथ की वो आपदा कोई भी नहीं भूल सकता। जब महादेव की नगरी में ऐसी तबाही मची थी कि हर कोई इसका शिकार बन गया था। जहां तक नजर जाती थी, वहां तबाही का ही मंजर दिखता था। इसी को लेकर इस गीत का एक पैरा कुछ ऐसा है, जिसे सुन किसी भी बहन की आँख नम हो जाएगी। इस गीत की एक एक लाइन दिल को छू देने वाली है। हर लाइन में एक दर्द छुपा है, जिसे सुनकर आप भी एक बार से लिए सब कछ भुला देंगे। वो आपदा का दौर कोई नहीं भूल सकता, जब मानवजाति पर ही खतरा मंडरा गया था, चीख पकार के बीच जिंदगी से जद्दोजहद का वो पल भुलाना बेहद ही मुश्किल है। लेकिन इस गीत के जरिए उन्होंने केदारनाथ आपदा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी।

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आपदा की वजह से सर्वाधिक प्रभावित हुई केदारघाटी का जन जीवन आज भी पूरी तरह से पटरी पर नहीं लौट पाया है। घर में रोजी रोटी की जुगाड करने वालेे की मौत के बाद सैकड़ों की संख्या में महिलाएं आज भी आजीविका के लिए जूझ रही है। आज भी चारधाम यात्रा तो चालू हो गई है पर क्या इस यात्रा से जिन्होंने अपनों को खो दिया उनकी जीवन की यात्रा क्या सुखद चल रही है ?

 

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