उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को समर्पित नया जागर गीत ‘उड्डी बुद्धी रौत’ हाल ही में शिवाय म्यूजिक लेबल के तहत जारी किया गया है। इस गीत को स्वर, लेखनी और भाव से सजाया है उत्तराखंड के गौरव पद्मश्री डॉ. प्रीतम भरतवाण ने, जिन्होंने अपने जीवन को लोकधुनों, जागरों और पारंपरिक वाद्य यंत्रों जैसे ढोल-दमाऊ की कला को जीवंत बनाए रखने में समर्पित किया है।
डॉ. भरतवाण उत्तराखंडी लोकसंगीत के वो मजबूत स्तंभ हैं जिन्होंने न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी हमारी लोकसंस्कृति को पहचान दिलाई है। ‘उड्डी बुद्धी रौत’ गीत भी इसी परंपरा की एक शानदार कड़ी है, जो राज्य की वीरगाथाओं और लोककथाओं को समर्पित है। यह गीत आगामी फिल्म ‘ढाकर’ का हिस्सा है और इसमें वीर उड्डी बुद्धी रौत की शौर्यगाथा को जागर शैली में प्रस्तुत किया गया है। लोककथाओं के अनुसार, उड्डी बुद्धी रौत एक वीर योद्धा थे, जिनकी बहादुरी, पराक्रम और बलिदान को इस गीत के माध्यम से जीवंत किया गया है। जागर की पारंपरिक शैली में गाए गए इस गीत में उत्तराखंड की मिट्टी की महक, ढोल दमाऊ की थाप और वीरता की गूंज साफ सुनाई देती है।
गीत के निर्माण में भी अनुभवी और प्रतिभाशाली कलाकारों का सहयोग रहा है:
म्यूजिक मिक्स मास्टर: वीरेन्द्र पंवार
रिदम: सुरेन्द्र बेस्वाल
कैमरा: देवेन्द्र नेगी
एडिटिंग: नगेन्द्र प्रसाद
डीआई: राहुल बोरियान
निर्देशन: अरुण फरासी
सह-निर्माता: सनोंज रावत, सुरेन्द्र राणा
निर्माता: नवीन कुमाई
यह गीत न सिर्फ एक सांस्कृतिक प्रस्तुति है, बल्कि उत्तराखंड की लोकपरंपरा और वीर गाथाओं को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम भी है। ‘उड्डी बुद्धी रौत’ गीत को सोशल मीडिया और यूट्यूब पर श्रोताओं का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है और यह गीत निश्चित रूप से उत्तराखंडी संगीत प्रेमियों के दिलों में एक खास जगह बनाएगा। शिवाय म्यूजिक और धाकर फिल्म के इस अद्वितीय सहयोग ने उत्तराखंड की लोककला को एक बार फिर नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का प्रयास किया है।