कम करने के बजाय गुप्तकाशी से हेली सेवा के लिये बढ़ा दिया किराया।

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guptkashi hallypad -

इस बार गुप्तकाशी सें संचालित हेली सेवा से केदारनाथ धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों को अपनी जेब और ढीली करनी पड़ रही है,।जहां एक ओर शासन ने फाटा , शेरसी से उड़ने वाली हेली सेवाओं की प्रति टिकट की कीमत गत वर्षों की अपेक्षा नौ सौ छप्पन रूपये कम कर दी है, वहीं दूसरी ओर मस्ता से उड़ने वाली दो एवियेशन के लिये प्रति टिकट की कीमत महज एक ओर जाने का छः सौ पच्चीस रूपये बढ़ा दिये हैं, जिससे यहां आने वाले तीर्थयात्रियों की आस्था पर कुठाराघात हो रहा है।

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अब सवाल यह उठता है, कि आखिरकार इन दो कम्पनियों के पास ऐसी क्या जड़ी बूटी है, कि जिसे सूंघकर शासन के उड्डयन विभाग में चिपके सम्बन्धित अधिकारियों ने किराया घटाने के बजाय उसे बढ़ाना हितकर समझा, जबकि कई वर्षों से हेली कम्पनियों के मनमाने किराये के विरोध में स्वर मुखर होते रहे हैं। गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम आने और जाने का किराया गत वर्षों की अपेक्षा एक हजार तीन सौ रूपये की बढ़ोतरी हो चुकी है, जिस कारण इन कम्पनियों को तीर्थयात्रियों के साथ लूट मचाने की आजादी दी गयी है। साफ लगता है कि शासन में बैठे सम्बधित अधिकारियों को इन दो कम्पनियों द्वारा मोटा कमीशन दिया गया है, जबकि अन्य सभी कम्पनियों की कीमत शासन द्वारा न्यून की गयी हैं। हांलाकि इसे तथाकथित कम्पनी के अधिकारी टेंडर प्रक्रिया बता रहे हैं।

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इस बार शासन ने टेंडर प्रक्रिया के अनुसार नौ हवाई कम्पनियों को सेवा सुचारू करने के लिये स्वीकृति प्रदान की थी। गत वर्ष नौ हवाई कम्पनियों ने केदारघाटी में अपनी सेवायें दी थी। लेकिन हर बार हेलीकांप्टर सेवाओं के भारी भरकम किराये के कारण तीर्थयात्रियों ने कई बार नाराजगी भी व्यक्त की थी। जिसका सज्ञान लेते हुये शासन ने इस बार टेंडर प्रक्रिया न्यून किराये के आधार पर जारी की, सोलह कम्पनियों ने टेंडर प्रक्रिया में प्रतिभाग किया, लेकिन महज नौ कम्पनियों को ही शासन से स्वीकृति प्रदान की गयी । फाटा, शेरसी , सोनप्रयाग से उड़ने वाली सभी कम्पनियों कीमत जहां एक ओर आने जाने की धनराशि एक हजार न्यून हुयी, वहीं दूसरी ओर गुप्तकाशी से उड़ने वाली हेली सेवाओं की कीमत में एक हजार तीन सौ की ईजाफा हो गया है, जिसका पुरजोर विरोध स्थानीय ग्रामीण कर रहे हैं।

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प्रशासन के तथाकथित अधिकारियो तथा सम्बन्धित कैबिनेट मंत्रियों से सांठ गांठ होने के कारण गुप्तकाशी मस्ता से उड़ने वाले आर्यन एवियेशन मानकों को ताक में रखकर हेली उड़ा रहे हैं। जिस हेलीपैड से यह हेली उड़ रहा है, उस हेलीपैड की इन्हें स्वीकृति प्रदान नही है। बल्कि इसी के निकट दिव्यधाम हेलीेपैड से इन्हें हेली उड़ाने की स्वीकृति प्रदान हुयी थी। इसके साथ ही जिस हेलीपैड से यह सेवा संचालित हो रही है, वो हेलीपैड भी क्षतिग्रस्त है, ऐसे में तीर्थयात्रियों की जान के साथ ही हेली सेवा प्रदाता यह कम्पनी खिलवाड़ कर रही है। कई बार प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी अभी तक इस दिशा में कोई सकारात्मक कार्रवाही नहीं हो पा रही है। डीजीसीए और उड़डयन विभाग के तय मानकों की धज्जियां उड़ाते इन बेलगाम हेली सेवाओं पर शासन प्रशासन की कोई लगाम नहीं है। जिस कारण कभी भी यहां पर बड़ा हादसा हो सकता है।

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रिपोर्ट : विपिन सेमवाल