संगीत दिल को शुकुन पहुंचाता है और जब बात हो गढ़वाली गीतों की या कुमाउनी गीतों की तो आप अकेले में डीजे सांग्स कभी नहीं गुनगुनाते होंगे,क्योंकि पुराने गीतों की बात ही कुछ अलग थी वो गीत अपने आप में एक रचना हैं जो पूरी तरह ताज़ी और नई हैं।और जब गीत हों नरेंद्र सिंह नेगी के तो बात ही अलग हो जाती है।
लोकगायक गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने ऐसे अनगिनत गीतों को आवाज दी जो सदा के लिए अमर हो गए और आश्चर्य होता है जब ये देखने को मिलता है कि आज की युवा पीढ़ी भी इनके गीतों को पूरी तन्मयता के साथ सुनती है और यही कारण है कि आज के गायकों ने इनके गीतों को कवर सांग का नाम दिया है और फिर वो गीत सभी को याद दिला दिए।
जो भी गायक इनके गीत गुनगुनाते हैं उन्होंने ये गीत बचपन में जरूर सुने होंगे और रेडियो,सीडी ,डीवीडी का दौर होने के बाद भी नेगी जी की आवाज ने अपनी सारी सीमाएं लांघते हुए घर घर में जगह बनाई। चाहे घस्येरी हो या उम्रदराज एक बुजुर्ग व्यक्ति जो भी इनके गीत सुनता है उसका जुड़ाव अपने से कर लेता है क्योंकि इनकी रचनाओं में उनका दर्द झलकता है।
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उन्हीं कुछ गीतों को पहाड़ी मॉडर्न युवाओं ने मैशअप का नाम दिया है जिनमें हयूँद का दिना ,घुघूती घुरोंण लेगी,तुम्हारी माया मा इन गीतों को पहाड़ की आवाज नरेंद्र सिंह नेगी ने गाया है।
वहीँ दो युवा गायकों का गाया हुआ गीत दगड़ा लिजे दया जिसे गुंजन डंगवाल और अमित थपलियाल आवाज दे चुके हैं।
इन पुराने सदाबहार गीतों को आवाज दी है आकाश भट्ट और अनिल भट्ट ने और राहुल बौरियान ने संगीत से सभी को एक बार फिर प्रभावित किया है।
वीडियो में गीतों को अमनदीप पुंडीर और अर्नव डंगवाल गुनगुनाते नजर आए।
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