अखोडी गांव के गुंजन के संगीत की दुनिया भर में धूम,पढ़िए इनकी जीवनकथा।

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Gunjan Dangwal is an Uttarakhand Singer, Music Director,  he is well known for his Amazing music & Unique Voice, who gave life to many Pahadi songs with his fabulous music, but he got a new identity with the song chaita ki chaitwali,  So let’s know the special and important information about him. 

उत्तराखंड के प्रसिद्ध संगीतकार गुंजन डंगवाल जिन्होंने अपने संगीत से कई गीतों में जान डाली,जिनका पहला ही गीत काफी सुपरहिट भी रहा,आज गुंजन अपनी अनोखी संगीत कला से उत्तराखंड म्यूजिक इंडस्ट्री का एक बहुत बड़ा नाम बन चुके हैं, गुंजन एक ऐसा व्यक्तित्व हैं जिनका यह सफर काफी संघर्ष से भरा हुआ है।23447-2the-music-of-gunjan-of-akhodi-village-spread-all-over-the-world-read-his-biography

 

गुंजन का जन्म स्थान:

गुंजन डंगवाल का जन्म 4 सितंबर 1996 को टिहरी गढ़वाल के अखोडी गावं में श्री कैलाश डंगवाल के घर में हुआ, गुंजन के पिता कैलाश डंगवाल शिक्षक हैं और माता श्रीमती सुनीता डंगवाल भी शिक्षिका हैं, गुंजन का एक छोटा भाई है श्रीजन डंगवाल जो अभी निर्देशक के तौर पर अपना करियर बना रहे हैं।

गुंजन की शिक्षा दीक्षा:

गुंजन की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा नई टिहरी से ही हुई और हाईस्कूल की परीक्षा नई टिहरी के कान्वेंट स्कूल से पास की, इसके बाद इंटरमीडिएट की परीक्षा दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से पास की। पेशे से संगीतकार गुंजन डंगवाल ने गोविन्द बल्लभ पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी से इलेक्ट्रिकल से बीटेक भी किया है साथ ही संगीत विषारद की डिग्री भी हासिल की है।

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  Name Gunjan Dangwal
 Date Of Birth  04.Sep.1996
 Birth Place Tehri Garhwal
 Age 26
 Mother Tongue Garhwali
 Home Town New Tehri
 Current City Dehradun
 Address Shivam Vihar, Bangali Kothi, Dehradun
 Nationality Indian
 Profession  Artist, Singer, Music Director
 Hobbies Cycling, Dancing, Cricket playing
 First Debut  Chaita ki chaitwal
 Award Best Music Director (Uttarakhand Folk Music )

                                        Family  And  Relative
Father Mr Kailash Dangwal
Mother Mrs Sunita Dangwal
Brother Srijan Dangwal
Marital Status Unmarried
Affairs/ Girlfriend NA

 

                                 Education School and Colleges      
 Education Qualification  B Tech, Sangeet Visharad
 School High school New Tehri, Convent School, Inter Model International School from Dwarka New Delhi
 College GB Pant Engineering college Ghuddaudi Pauri Garhwal(electrical)
 Others NA
                                          Favorite Things      
fav Actor Hrithik Roshan
Fav artist in Hillywood Shubham Badoni
Fav  Actress  Vidya Balan
Fav Actress In Hillywood  Shweta Dobhal
 Fav Place Akhodi village, Uttarakhand
 Fav Films Gangs of Wasseypur, Momento
 Fav Color Green
 Fav Dish Rajma Chawal

 

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गुंजन का बचपन:

गुंजन का संगीत सफर काफी शानदार रहा है, बचपन से ही गुंजन को संगीत से ख़ास लगाव रहा है, अपने स्कूली दिनों से ही गुंजन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे, कभी डांस तो कभी गाकर कार्यक्रमों में हिस्सा लेते थे।धीरे धीरे ये सफर चलता रहा और गुंजन का हाथ वाद्य यंत्रों में सधने लगा और उन्हें संगीत में रूचि आने लगी, एक बार गुंजन के पिताजी ने स्कूल के बच्चों की एल्बम निकालने की सोची तो इसमें गुंजन ने भी एक गीत में अपनी आवाज दी और तब से गुंजन का ये सफर शुरू होने लगा,इस एल्बम में संगीतकार थे सुमंत पंवार जिन्हें गुंजन अपना गुरु भी मानते हैं और उन्ही से इन्होने संगीत की शिक्षा ली।गुंजन बताते हैं कि उनकी रूचि गीतों को गाने से ज्यादा इसमें थी कि गीत आखिर बनते कैसे हैं और इन्हें रिकॉर्ड कैसे किया जाता है, ये इच्छा उन्होंने अपने गुरु जी से साझा की तो गुरु सुमंत पंवार ने उन्हें इसकी जानकारी दे दी और रिकॉर्डिंग का एक सॉफ्टवेयर दे दिया।

इंटर के बाद क्या किया।

गुंजन के माता पिता दोनों ही शिक्षक हैं और जाहिर सी बात है गुंजन को अपना करियर म्यूजिक में बनाने में इतनी आसानी तो होती नहीं, हर अभिभावक की तरह ही गुंजन के माता पिता चाहते थे कि गुंजन भी पढ़ लिख कर किसी प्रतिष्ठित पद पर तैनात हो लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, गुंजन ने अपनी बारहवीं की पढ़ाई के दौरान जेईई की परीक्षा भी दी और जमकर पढाई में लग गए लेकिन उनके दिल में तो संगीत बस चुका था और पढाई में मन लगना कम हो गया।गुंजन के माता पिता गुंजन को लेकर परेशान होने लगे कि इसके करियर का क्या होगा और आगे चलकर जीवन में ये क्या करेगा। फिर घरवालों ने एक बेहतरीन करियर को चुना और गुंजन का दाखिला घुड़दौड़ी स्थित गोविन्द बल्लभ पंत इंजनियरिंग कॉलेज में करवा दिया, शुरुआत में तो सब ठीक रहा लेकिन यहाँ भी गुंजन का पढ़ाई में मन नहीं लगा यहाँ भी गुंजन का ध्यान संगीत की तरफ ही ज्यादा रहा, कॉलेज के दिनों में गुंजन हॉस्टल में रहते थे और अपने हॉस्टल के दोस्तों को पकड़कर उनसे गाने गवाते थे और खुद उनमें अपने लैपटॉप से ही म्यूजिक देते थे, इसी दौरान गुंजन की मुलाकात अमित सागर से हुई और उन्होंने रांझणा गीत पर म्यूजिक देने की बात कही, गुंजन ने म्यूजिक दे दिया लेकिन ये इतना ख़ास चला नहीं, फिर गुंजन और अमित सागर ने ”चैता की चैत्वाली” पर काम करना शुरू कर दिया और ये गीत अमित सागर के चैनल से रिलीज़ किया गया शुरुआत में तो गीत पर कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला लेकिन जब चैत्वाली चल पड़ा तो आज ये गीत इतिहास रच रहा है, इसी  गीत ने गुंजन को एक संगीतकार के रूप में उत्तराखंड संगीत जगत में पहचान दिलाई।

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शिलॉन्ग टूर:

अपनी बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद गुंजन लास्ट पैराडाइस बैंड के साथ जुड़ गए और शिलॉन्ग चले गए, घुड़दौड़ी में पढ़ाई के दौरान ही चैत्वाली बना चुके थे और शिलॉन्ग पहुँचते पहुँचते ये गीत उत्तराखंड में वायरल हो चुका था। शिलॉन्ग में गुंजन अपने बैंड के साथ लाइव शो करने लगे इधर उनका बनाया हुआ चैत्वाली गीत उत्तराखंड में धमाल मचाने लगा। इधर उत्तराखंड से बड़े बड़े गायकों के फ़ोन आने लगे कि हमारा गाना करना है, शिलॉन्ग से गुंजन वापस देहरादून लौट आए और एक छोटे से कमरे में ही गायकों के गीत रिकॉर्ड करने लगे, गुंजन के पास गाने रिकॉर्ड करने की जगह कम थी लेकिन उनके म्यूजिक ने उत्तराखंड में एक अलग पहचान बना दी थी, इसके बाद धीरे धीरे गुंजन ने अपना स्टुडियो खोला और लगभग 4-5 सालों से उत्तराखंड म्यूजिक इंडस्ट्री के लिए काम कर रहे हैं और अपनी कला से उत्तराखंड संगीत को ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे हैं।

लाइफ का टर्निंग पॉइंट:

गुंजन उत्तराखंड में बड़े संगीतकारों में शामिल हो गए, नाम हो गया पैसा हो गया सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन लगातार काम करने से गुंजन के दिमाग में बोझ आने लगा इस बीच घर वालों से लड़ाई झगडे शुरू होने लगे और गुंजन ने अकेला रहना शुरू कर दिया और वहीँ पर अपना स्टूडियो भी बना दिया लेकिन अकेले रहने के कारण और काम का इतना बोझ होने के कारण गुंजन मानसिक रूप से परेशान रहने लगे, गुंजन बताते हैं कि अगर मैंने समय पर अपनी जिंदगी और काम का संतुलन बना दिया होता तो मैं मानसिक रूप से इतना परेशान नहीं रहता। अब गुंजन इससे बाहर निकल चुके हैं और दुबारा अपना स्टुडियो खोल चुके हैं और जिस गीत से उन्हें संगीत के क्षेत्र में पहचान मिली चैत्वाली के थर्ड पार्ट पर काम कर रहे हैं।

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गुंजन से ये सीखें: 

तो ये थी गुंजन डंगवाल की जीवनकथा, इनके जीवन से हमने एक बात जरूर सीखी कि जीवन में आप कितनी भी सफलता पा लें आपके जीवन का प्रबंधन सही तरीके से होना चाहिए जिससे आप अपने काम को और भी रचनात्मकता के साथ कर सकेंगे और दुनिया में अपने नाम का परचम लहराएंगे।

गुंजन के सुपरहिट गीत:

गायक के तौर पर: नंदू मामा की स्याली, चन्द्रमा सूरज, बाली ज्वानी का सुपिन्या, गंजयाली ।

संगीतकार के तौर पर: चैता की चैत्वाली, भग्यानी बौ, भामा मेरी।

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