गढ़वाली संस्कृति की झलक: राति मंडाण गीत

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दैवीय स्थलों और प्रकृति धरोहर से सम्पन यह क्षेत्र, अपनी लोक संस्कृति को शालीनता के साथ सहेजे है। यहाँ के उत्सवों और धार्मिक समारोह में लोक संस्कृति के विभिन्न रंग चारों दिशाओं में बिखर से जाते है।  यहाँ के लोक वाद्य, लोक गीत, लोक गायन शैली, लोक नृत्य, चित्र अथवा शिल्प इतना समृद्ध है की इस पर जितना शोध किया जाए वह कम ही होगा। यहाँ के लोक गीतों की तरह ही यहाँ के लोक नृत्यों में भी कमाल की विविधता है जिस पर आय दिन नए नए गीतों की भी रचना देखने को मिलती है। और इसी में मंडाण पर भी नए गीत रचना देखने को मिली है जो कि आजकल सुर्ख़ियों में भी है। 

 

 

दरअसल , उत्तराखंड के प्राचीन नृत्यों में मंडाण सबसे ज़्यादा लोकप्रिय है। यहाँ गाँव के खुले मैदानों और चौक पर मंडाण का आयोजन होता है। विवाह या धार्मिक अनुष्ठान के अवसर पर मंडाण में सभी जन का उत्साह देखने लायक होता है। गाँव के चौक  या मैदान के बीच में अग्नि प्रज्वलित करी जाती है और सभी पारंपरिक यन्त्र वादक (ढोल दमो, रणसिंहा, भंकोर) गीतों के द्वारा देवी देवताओं का आह्वाहन करते है। ज्यादातर गीत महाभारत के विभिन्न घटना क्रम से सम्बंधित होते है, इसके अलावा लोक कथाओं से जुड़े गीत भी गाये जाते है। सभी जन गीतों और वाद्य यंत्रो की ताल पर झूम उठते है। यह मंडाण देखने लायक होता है, जिसमें सभी गाँव के लोग एकत्रित होते हैं। जितना खूबसूरत मंडाण में कथाओं  का वर्णन होता है उतना ही खूबसूरत गाँव के लोगों की रौनक होती है। वहीं , इन्हीं कथाओं और लोगों के अनूठे रिवाज को भी एक नया रूप दिया है उत्तराखंड के युवा गायक Ajay Nautiyal ने जिन्होंने अपने  नए गीत  “राति मंडाण” से सभी का दिल जीत लिया है।

 

 

बता दें , Ajay Nautiyal का यह गीत आपको अपनी मधुर धुनों और भावनात्मक बोलों से मंत्रमुग्ध कर देगा। युवा गायक की आवाज़ में एक अनोखा जादू भरा है। गीत के बोल गढ़वाली संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं, जो आपको अपने मूल की याद दिलाएंगे। जिसका शानदार संगीत Rakesh Bhatt और रिधम Subhash Pandey के द्वारा तैयार करी गई है।

 

 

बता दें, Sarang Films के बैनर तले “राति मंडाण” गीत की रिलीज के साथ, गढ़वाली संगीत के प्रेमी एक बार फिर से अपनी संस्कृति के गीतों का आनंद ले पाएंगे। यह गीत न केवल गढ़वाली संगीत के प्रेमियों के लिए बल्कि सभी संगीत प्रेमियों के लिए एक अनोखा अनुभव होगा क्योंकि इसमें कई लोगों के पसंदीदा कलाकार Shailendra Patwal और Divya Negi भी झूमते हुए नजर आ रहें हैं। दरअसल, इस म्यूजिक वीडियो में यह दिखाया गया है कि किस प्रकार से हमारे पहाड़ों में “राति मंडाण” का आयोजन होता है , क्या रौनक वहां देखने को मिलती है और किस प्रकार महिला और पुरुषों की टोली बारी-बारी कर झूमती है और नृत्य करती है। और जो नाजारा होता है वह बेहद शानदार होता है। वहीं Bablu Negi के फिल्मांकन तैयार यह म्यूजिक वीडियो दर्शकों द्वारा पसंद किया जा रहा है।  तो देर किस बात की? “राति मंडाण” को अभी सुनें और गढ़वाली संगीत के जादू का अनुभव करें!

 

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