GI Tag: देवभूमि के मंडुवा झंगोरा समेत 18 अन्य उत्पादों को मिला जीआई टैग, वैश्विक स्तर पर अलग पहचान

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 GI Tag: उत्तराखंड के मोटे अनाज मंडुवा, झंगोरा, लाल चावल समेत 18 उत्पादों को भौगोलिक संकेतांक (जीआई टैग) मिला है। जिससे इन उत्पादों की न तो कोई नकल कर सकेगा और न ही अपना ब्रांड होने का दावा कर सकेगा। इससे उत्पादों की नकल करने पर रोक लगेगी। साथ ही वैश्विक स्तर पर उत्पादों को अलग पहचान मिलेगी।

 

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दरअसल, वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के जीआई रजिस्ट्री विंग की ओर से स्थानीय उत्पादों को जीआई टैग प्रदान किया जाता है। इससे उत्पाद के उत्पादन क्षेत्र की अक्षांश व देशांतर लोकेशन, भौगोलिक व जलवायु विशेषता, उत्पाद की गुणवत्ता का गहन परीक्षण किया जाता है। बता दें , पहली बार उत्तराखंड के 18 उत्पादों को एक साथ जीआई टैग मिला है।

इन उत्पादों को मिला जीआई टैग

झंगोरा, गहत दाल, लाल चावल, काला भट्ट, माल्टा, चौलाई (रामदाना), बेरीनाग चाय, मंडुवा,  अल्मोड़ा की लखौरी मिर्च, तुअर दाल, बुरांश जूस, बिच्छू बूटी (कंडाली) नेटल फाइबर, नैनीताल की मोमबत्ती, रंगवाली पिछौड़ा, रामनगर की लीची, नैनीताल का आड़ू, चमोली का मुखौटा, उत्तराखंड काष्ठ कला को जीआई टैग मिला है।

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इन उत्पादों को पहले ही मिल चुका जीआई टैग

तेजपात, बासमती चावल, भोटिया दन, ऐपण कला, च्यूरा ऑयल, मुनस्यारी की सफेद राजमा, रिंगाल क्राफ्ट, ताम्र और थुलमा को पहले ही जीआई टैग प्रमाणीकरण किया जा चुका है। बता दें,  इन्हें मिला कर अब प्रदेश के 27 उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त हो चुका है।

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