सोबन सिंह पंवार का खुदेड़ गीत मंगशीर नी ओंणु औलू बैशाख मैना १ मिलियन क्लब में शामिल

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manshir ni onu

उत्तराखंड सिनेमा जगत हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहा है जब से यूट्यूब का दौर शुरू हुआ है तब से पहाड़ का गीत संगीत देश दुनिया में गूंजा है।
डिजिटल युग उत्तराखंड संगीत के लिए सुनहरा अवसर लेके आया है क्योकि सी.डी ,डीवीडी के दौर में गीतों का चलन बहुत मुश्किल था और एक एल्बम में अलग अलग तरह के गीत होते थे। लेकिन आज का दौर ऐसा नहीं हैं समय बदला है और नए सुनने वाले भी मिले हैं यूट्यूब जैसे सुगम माध्यम जैसे आने से चंद मिनटों में ही गाना दर्शकों तक पहुँच जा रहा है।
जो कि युवा गायकों को लाभ मिल रहा है उन्हें सुनने वाले श्रोता हैं।और एक ही गीत सुपरहिट होने से पूरा उत्तराखंड उन्हें जान लेता है जिनकी संगीत में रूचि है उनके लिए तो स्वर्णिम अवसर है इस दौर में कदम रखना।

प्रोफ़ेसर अरविन्द रावत के गानों में दिखती है पहाड़ के गाँव की झलक

आज आपको एक खुदेड़ गीत के बारे में बताते हैं : सूर्यांश प्रोडक्शन के बैनर तले बना ये वीडियो मंगशिर निऔंणु YouTube की धड़कन बना हुआ है ,इस बहुचर्चित गीत को देखना न भूले ऐसा ही टाइटल इस गीत को दिया गया है। युवा गायक सोबन सिंह पंवार की एल्बम दरोल्या बुढ़्या का खुदेड़ गीत मंगशिर निऔंणु दर्शकों को खूब पसंद आया और 1 मिलियन क्लब में शामिल हुआ है।
अब बताते हैं क्यों? यूट्यूब की धड़कन बना है ये गीत। वीडियो में एक शादीशुदा युवक की कहानी बयां की गई है जो रोजगार के सिलसिले में घर से है ,और मंगशीर ( नवंबर ) में घर आने वाला था पर नौकरी की विवशता के कारण छुट्टी नहीं मिल सकी और अब अपनी सुवा को सन्देश भेज रहा है कि मंगशीर नी ओणु अब मैं बैशाख का महीना औलू मेरी याद में दुखी नी होना अपना ख्याल रखना। छोटे छोटे बच्चे हैं उनका ख्याल रखना। भले ही युवक घर नहीं जा पा रहा हो पर जो साथी दीवाली में घर जा रहे हैं उनके पास खर्चा भी भेजना है ऐसी कहानी रची गई है वीडियो में।

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सत्य है ऐसी बातों का होना कैसे रहा जाए परिवार से दूर सब आपको इस वीडियो में देखने को मिल जायेगा। संगीतकार राजेंद्र चौहान ने गीत को मार्मिक बनाने के लिए संगीत को बहुत ही शानदार ढंग से सजाया है जो कि किसी के भी मन को भा जाए जरूर देखिए ये वीडियो और दोनों के दर्द को जानने की कोशिश करना।
अपनी अपनी विवशताओं में कैसे उलझी है जिंदगी।

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RAKESH DHIRWAN

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