फैशन से सिविल सेवा तक: आशीष जोशी की सफलता की अनोखी कहानी

0

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की पीसीएस प्रिलिम्स परीक्षा में आशीष जोशी ने पहला स्थान प्राप्त किया है, जो उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम है। वर्तमान में जोशीमठ में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत आशीष जोशी का परिवार सितारगंज की हाइड्रिल कॉलोनी में रहता है। आशीष जोशी की सफलता की कहानी प्रेरणादायक है, जिन्होंने शुरुआत में फैशन इंडस्ट्री में जाने का मन बनाया था, लेकिन बाद में सिविल सेवा में अपना करियर बनाने का फैसला किया।

“सितारगंज के आशीष जोशी की सफलता की कहानी प्रेरणादायक है, जिन्होंने मुंबई के एनआईएफटी से स्नातक करने के बाद फैशन इंडस्ट्री में काम किया, लेकिन परिवारिक जिम्मेदारियों के कारण वापस घर आए। वर्ष 2016 से सिविल सेवा की तैयारियों में जुटे, और पहले प्रयास में असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी। वर्ष 2021 में समीक्षा अधिकारी की परीक्षा पास की और उच्च न्यायालय में तैनाती पाई। नौकरी के साथ-साथ रोजाना 6 घंटे पढ़ाई करने के बाद लोअर पीसीएस और पीसीएस परीक्षा में सफल हुए।

आशीष जोशी की सफलता की कहानी में एक नया अध्याय जुड़ गया है, जब उन्होंने पीसीएस 2021 परीक्षा में पूरे राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया। इससे पहले, उन्होंने लोअर पीसीएस में 12वीं रैंक हासिल की थी और नायब तहसीलदार पद पर नियुक्ति पाई थी। जोशीमठ में उनकी पोस्टिंग हुई थी। आशीष के परिवार में पिता ऊर्जा निगम में जूनियर इंजीनियर हैं और मां गृहणी हैं, जबकि उनकी चार बड़ी बहनें हैं। यह उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम है।

आशीष जोशी के परिवार में शिक्षा और सेवा की परंपरा है, जहां उनकी पत्नी दिव्या जोशी डॉक्टर हैं और बहनें अर्चना जोशी असिस्टेंट प्रोफेसर, रश्मि जोशी ग्राम विकास अधिकारी और शालिनी जोशी आर्मी में मेजर हैं। आशीष जोशी ने अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए बताया कि उन्होंने मुंबई से आने के बाद दिल्ली की कोचिंग में चार महीने बिताए और फिर सेल्फ स्टडी पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई करने की रणनीति बनाई और आज वे अपनी मेहनत के फल को प्राप्त कर रहे हैं।

Exit mobile version