उत्तराखंड सिनेमा जगत अपने सुनहरे दौर में है हर महीने उत्तराखंड की फ़िल्में बड़े परदे पर रिलीज़ हो रही हैं,13 दिसम्बर को देहरादून के सेन्ट्रियो मॉल में उत्तराखंड की दो भाषाओं में बनी फीचर फिल्म गढ़ -कुमौं रिलीज़ हुई ,पहले दिन का शो लगभग हॉउसफुल रहा और उत्तराखंड संगीत एवं फिल्म जगत के कई सितारे गढ़- कुमौं फिल्म देखने पहुंचे,इस अवसर पर पदमश्री प्रीतम भरतवाण, निर्माता प्रदीप भंडारी ,अभिनेता बलदेव राणा उत्तराखंड संस्कृति,साहित्य एवं कला परिषद की उपाध्यक्षा मधु भट्ट भी फिल्म देखने पहुंची।
पढ़ें यह खबर: पुष्पा (The Rule ) जैसा नाम वैसा ही बॉक्स ऑफिस कलेक्शन,टूट गए सारे रिकॉर्ड।
उत्तराखंड फिल्म जगत कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक ही सिनेमाहॉल में उत्तराखंड की दो फ़िल्में अलग -अलग शो में लगी हुई हैं,दोपहर के शो में गढ़ -कुमौं तो शाम के शो में पहली जौनसारी फिल्म ‘मेरे गांव की बाट ‘ लगी हुई है,और दोनों ही फिल्मों के शो हॉउसफुल चल रहे हैं।
पढ़ें यह खबर: ‘मेरे गांव की बाट’ फिल्म उत्तराखंड में हो टैक्स फ्री, मुन्ना चौहान ने की सरकार से अपील।
गढ़ -कुमौं पहली ऐसी फीचर फिल्म है जिसमें उत्तराखंड की दो भाषाओं का मेल है मात्र भाषा ही नहीं गढ़वाल और कुमाऊं की संस्कृति की झलक भी फिल्म में देखने को मिली,फिल्म ख़ुशी सिने वर्ल्ड के बैनर तले बनी है और इसकी पटकथा एवं निर्देशन अनुज जोशी द्वारा किया गया है,दो अलग-अलग मंडलों की ये कहानी एक खूबसूरत लव स्टोरी पर आधारित है और अगर आप फिल्म देखेंगे तो समझ जाएंगे कि गढ़वाल और कुमाऊं में भाषा का अंतर हो सकता है लेकिन भाव एक से हैं दोनों ही हिमालयी राज्य के दो अहम् भाग हैं और जो भ्रांतियां दोनों ही क्षेत्र के लोगों में हैं उसका पूरा सार इस फिल्म में हैं,अनुज जोशी ने बेहतरीन कहानी लिखी है और दोनों मंडलों की एकता की मिशाल दी है और समाज को ये सन्देश देने का काम किया है कि उत्तराखंड एक है भले ही उसके रीति रिवाज बोली भाषा अलग-अलग हों सबका मूल उत्तराखंड ही है।
पढ़ें यह खबर : गर्व की बात : गढ़वाली फिल्म रिखुली का इटली फिल्म फेस्टिवल में जलवा,तीन अवार्ड किए अपने नाम।
फिल्म के हर पक्ष ने दर्शकों को बांधे रखा फिल्म ने खूब गुदगुदाया भी और खूब रुलाया भी एक लव स्टोरी को एक पारिवारिक फिल्म भी बनाया जा सकता है इसकी मिसाल अनुज जोशी ने पेश की, फिल्म में मुख्य अभिनेता संजू सिलोड़ी का जबरदस्त अभिनय देखने को मिली एक कॉर्पोरेट युवक की भूमिका को संजू ने बखूबी निभाया और एक प्रेमी जो बिना बताए किसी को कितना प्रेम कर सकता है उसकी झलक आप फिल्म में देखेंगे, अभिनेत्री अंकिता परिहार ने इस बार शानदार कुमाउनी बोली और अपने अभिनय से एक बार फिर दर्शकों का दिल जीत लिया,हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म संस्कार में अंकिता का रोल छोटा था लेकिन प्रभावशाली था इस फिल्म में दोनों ही मुख्य कलाकारों ने स्क्रीन पर दबदबा बनाए रखा और दोनों की केमिस्ट्री स्क्रीन पर शानदार नजर आई,फिल्म के अन्य कलाकार भी दर्शकों को खूब पसंद आए राकेश गौड़ का इस फिल्म में अलग किरदार देखने को मिला वहीँ फिल्म में अंकिता की माँ के किरदार ने भी दर्शकों का दिल जीता।वहीं गढ़वाली और कुमाउनी भाषा के ट्रांसलेटर बने जग्गू दा का किरदार भी काफी सराहनीय था जिन्होंने एक ही सीन में गढ़वाली और कुमाउनी दोनों भाषाएँ बोली,वहीँ इतिहासकार बने प्रोफेसर का किरदार ज्ञानवर्धक रहा,फिल्म में संगीत पक्ष काफी शानदार है और अमित वी कपूर ने जबरदस्त संगीत तैयार किया है जो सीन को और भी आकर्षक बनाता है,फिल्म इतनी शानदार है कि दोनों ही भाषा के लोग आसानी से इसे समझ सकेंगे,फिल्म का फिल्मांकन काफी बेहतरीन हुआ है और पहाड़ के सीन देखकर शहरों के लोगों को भी अपने गाँव की याद आने वाली है।
फिल्म देहरादून एवं हल्द्वानी में लगी हुई है आप भी अपने नजदीकी सिनेमाहॉल में इस फिल्म का आनंद लीजिए।