डाटकाली Daat kali मंदिर हिन्दुओ का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो कि सहारनपुर देहरादून हाईवे रोड पर स्थित है | डाट काली मंदिर देहरादून के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है तथा देहरादून से 14 किमी की दूरी पर स्थित है | यह मंदिर माँ काली को समर्पित है इसलिए मंदिर को काली का मंदिर भी कहा जाता है एवम् काली माता को भगवान शिव की पत्नी “देवी सती” का अंश माना जाता है | माँ डाट काली मंदिर को “मनोकामना सिद्धपीठ” व “काली मंदिर” के नाम से भी जाना जाता है|
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मां डाट काली मंदिर का निर्माण 13 जून 1804 ई. में किया गया था जब देहरादून-सहानपुर राजमार्ग का निर्माण कार्य किया जा रहा था, ऐसा माना जाता है कि मां काली अभियंता के सपने में आयी थी, जिन्होने मंदिर की स्थापना के लिए महंत सुखबीर गुसैन को देवी काली की प्रतिमा दी थी। जो आज भी घाटी के मंदिर में स्थापित है। इसे डाट काली मंदिर कहा जाता है।
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मां डाट काली Daat kali मंदिर की विशेषता यह है कि यहां एक दिव्य ज्योति जल रही है जोकि 1921 से लगातार जल रही है। यहां के आस पास के लोग जब भी कोई नया वाहन खरीदते है इस मंदिर में पूजा के लिए (मां डाट काली मंदिर) आते है। यह मंदिर देहरादून-सहारनपुर रोड़ के किनारे पर स्थित है इसलिए जो भी व्यक्ति यहां से जाता है मां काली का आर्शीवाद जरूर पा लेता है और मंदिर में तेल, घी, आटा व अन्य वस्तु चढाता है। इस मंदिर में एक बडा हाॅल भी है जहां पर लोग आराम भी कर सकते है।
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मंदिर में भक्त दर्शनो के लिए आते रहते है। नवरात्री के त्योहार के अवसर पर यहां बहुत बड़ी संख्या में लोग आते है, कभी कभी तो राजमार्ग को भी बन्द करना पडता है। नवरात्री के त्योहार के अवसर पर यहा भंडारा भी किया जाता है जहां लोग इसे मां काली का आर्शीवाद मानकर ग्रहण करते है। मंदिर के बाहर भारी तादात में बंदर पाए जाते है जिनसे हमेशा सतर्क रह कर दर्शन किये जाते है। इन बंदरो को माता का सेवक भी कहा जाता है। आप भी इस मंदिर के दर्शन कर सकते है।