भारत-पाक तनाव के बीच साइबर सुरक्षा बढ़ाई गई, एसटीएफ ने कमांडो तैनात किए

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भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव के चलते साइबर खतरे की संभावनाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अपने साइबर विशेषज्ञों को अलर्ट पर रखा है। इसके साथ ही एक विशेष निगरानी इकाई गठित की गई है, जो इंटरनेट पर हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रख रही है।

 

एसटीएफ ने आम नागरिकों के लिए एक दिशा-निर्देश (एडवाइजरी) जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि वर्तमान परिस्थितियों में किस प्रकार की सतर्कता आवश्यक है। चूंकि सोशल मीडिया पर संदिग्ध लिंक और पोस्ट लगातार सामने आ रहे हैं, ऐसे में यह आशंका है कि विदेशी हैकर भारत के सरकारी डिजिटल सिस्टम पर हमला कर सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए डीजीपी दीपम सेठ ने एसटीएफ को चौकन्ना रहने का निर्देश दिया है।

 

हाल ही में नियुक्त किए गए चार साइबर विशेषज्ञों को इस कार्य के लिए सक्रिय किया गया है। इनके साथ दस अन्य तकनीकी अधिकारियों को भी इस मिशन में शामिल किया गया है। यह पूरी टीम साइबर हमलों को रोकने और डिजिटल जागरूकता फैलाने के काम में 24 घंटे तत्पर रहेगी। गुरुवार शाम एसटीएफ मुख्यालय में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

 

संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट्स और वेबपेजों को ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके अलावा ऐसे सभी लिंक और प्लेटफॉर्म्स को बंद करने की सिफारिश की गई है, जो आर्थिक प्रलोभन या फर्जी योजनाओं के माध्यम से लोगों को भ्रमित कर सकते हैं।

एसटीएफ की चेतावनी: नागरिक क्या करें

  • अधिकारिक सूचना ही साझा करें: केवल सरकारी विभागों, प्रमाणिक सोशल मीडिया प्रोफाइल और विश्वसनीय समाचार एजेंसियों की जानकारी ही आगे बढ़ाएं।
  • सूचनाओं की पुष्टि जरूरी: कोई भी तस्वीर, वीडियो या खबर साझा करने से पहले उसकी सत्यता सरकारी स्रोतों से जांच लें।
  • फर्जी जानकारी की रिपोर्ट करें: यदि किसी पोस्ट या अकाउंट पर संदेह हो तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन या सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करें।
  • सोच-समझ कर पोस्ट करें: किसी भी सामग्री को साझा करने से पहले उसके परिणाम पर विचार करें।

क्या न करें

  • सैन्य संबंधी जानकारी सार्वजनिक न करें: सेना की तैनाती या गतिविधियों से जुड़ी जानकारियां साझा करना सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।
  • असत्यापित सूचना न फैलाएं: किसी भी अपुष्ट या उकसाने वाले कंटेंट से दूर रहें, यह दुश्मन के उद्देश्य पूरे कर सकता है।
  • बिना जांच के बैंक विवरण न अपनाएं: तनाव के समय धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ सकती हैं। किसी भी बैंक अकाउंट की सूचना पर जांच के बाद ही भरोसा करें।
  • संदिग्ध लिंक या मेल से बचें: अज्ञात ईमेल या अटैचमेंट से कंप्यूटर या फोन में वायरस आने का खतरा रहता है।
  • अनधिकृत एप न इंस्टॉल करें: केवल विश्वसनीय प्लेटफॉर्म से ही मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड करें।