उत्तराखंड :Cm Trivendra Singh Rawat से मिले बॉलीवुड निर्देशक विशाल भारद्वाज !फिल्म संस्थान खोलने का दिया प्रस्ताव।

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cm uttarakhand

उत्तराखंड फिल्म निर्माताओं की पसंदीदा जगह बन चुका है यहाँ की वादियाँ बॉलीवुड को खींच लाती हैं,कई सारी फिल्मों में उत्तराखंड दर्शन करने के बाद अब uttarakhand  film destination बन चुका है ,आज बॉलीवुड के निर्माता एवं निर्देशक विशाल भारद्वाज ने इसी सम्बन्ध में मुख्यमंत्री से गहन चर्चा की और उत्तराखंड में फिल्म संस्थान खोलने का प्रस्ताव भी दिया है।  

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उत्तराखंड फिल्म निर्माण के हिसाब से निर्माताओं के लिए best film destination है क्योंकि यहाँ की शांत वादियाँ और खुबसूरत पहाड़ कैमरे पर और भी निखर के आते हैं,और शूटिंग के लिहाज से भी यहाँ शांत माहौल रहता है और उत्तराखंड वासी काफी कुशल व्यवहार होते हैं जिससे निर्माताओं को भी शूटिंग में सहजता होती है,ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि इससे पूर्व में आए निर्माता निर्देशक अपने अनुभव साझा करते हुए उत्तराखंड की जनता एवं यहाँ की लोकेशन का जिक्र बार बार करते आए हैं…

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को निर्देशक एवं निर्माता विशाल भारद्वाज ने फिल्म संस्थान खोलने का प्रस्ताव दिया है या हाल फ़िलहाल किसी यूनिवर्सिटी में फिल्म प्रोडक्शन और फिल्मों से जुडी बारीकियों को समझने के लिए कक्षाएं संचालित की जाएं ,जिसपर सीएम रावत ने कहा कि इस विषय पर गंभीरता से अमल किया जाएगा और उत्तराखंड को शूटिंग डेस्टिनेशन बनाने का पूरा प्रयास किया जाएगा।साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इससे राज्य के युवाओं जो फिल्म प्रोडक्शन एवं तकनीकी क्षेत्र में रूचि रखते हैं उनके लिए रोजगार के सुनहरे अवसर प्राप्त होंगे।

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आपको बता दें कि विशाल भारद्वाज हैदर,मकबूल,ओमकारा,कमीने एवं सात खून माफ़ जैसी सुपरहिट फिल्मों के निर्माता एवं निर्देशक हैं,और अपने अगले प्रोजेक्ट के लिए उत्तराखंड को शूटिंग के लिए चुना है।

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एकतरफ जहाँ मुख्यमंत्री लगातार बॉलीवुड के नामी निर्माताओं से भेंट करते रहते हैं,लेकिन उत्तराखंड के निर्माताओं एवं निर्देशकों से मिलना भी गवारा नहीं समझते जिससे उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों में काफी रोष देखने को मिलता है,क्योंकि इसका सीधा असर इस बात पर  पड़ता है कि जब राज्य सरकार ही उनकी अनदेखी करेगी तो कोई भी निर्माता अपनी जेब से पैसे लगाने में संकोच करेगा और इतना बड़ा नुकसान झेलने से हर कोई अपना बचाव कर लेता है।

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सरकार का उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री के प्रति इस बेरुखे रवैए का ही परिणाम है कि उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री आज समाप्ति की कगार पर खड़ी है और यही स्थिति रही और सरकार का ऐसा ही रवैया रहा तो लोक कलाकर सडकों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे हालाँकि राज्य की पूर्व हरीश रावत सरकार ने उत्तराखंड फिल्म  विकास परिषद् का गठन आनन् फानन में करवा तो दिया लेकिन संगठन में ऐसे लोगों को पद वितरित किए गए जिनका फिल्म इंडस्ट्री से दूर- दूर तक कोई नाता नहीं था।

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लेकिन राज्य की वर्तमान सरकार कागजी विकास कार्यों में इतनी व्यस्त है कि उसका ध्यान इस ओर एक भी बार नहीं गया जबकि बॉलीवुड के नामी निर्देशकों से लगातार मुलाकातों का सिलसिला जारी है,उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री के निर्माताओं की भी उम्मीदें सरकार पर निर्भर हैं कि अब देवभूमि बॉलीवुड की ही शूटिंग डेस्टिनेशन न बनकर उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री के लिए भी कारगर सिद्ध हो इस इंडस्ट्री का भी विकास हो।

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