हिमालय की गोद में स्थित उत्तराखंड (uttarakhand)देवों की भूमि के नाम से प्रसिद्ध है उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक स्थलों के कारण भारत की प्रमुख पर्यटन स्थलों की गिनती में बेशुमार है जिसे निहारने दुनिया भर से लोग प्रतिवर्ष यहां आते हैं।
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आपको बता दें की उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग जिला यकीन मानिये उत्तराखंड एक ऐसा जनपद है जहाँ आपको सबसे खुबसूरत पर्वत श्रृंखलाएं, घाटियां फूलों की वादियां, नदी, झील या ताल, और झरने आदि देखने को मिलेगी। और आज हम इस जनपद में बसे एक गाँव में छुपे एक खूबसूरत ताल के बारे में आप लोगों को बताते है l
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बधाणी उत्तराखंड राज्य के जनपद रुद्रप्रयाद विकासखंड जखोली पट्टी बांगर का एक गावं हैं,बधाणी रुद्रप्रयाग जिले का एक मुख्य पर्यटक स्थल हैं,जिस कारण यहाँ कहीं सारे लोग प्रतिवर्ष घूमने आते हैं | बधाणी समुद्री तल से लगभग 7000 फ़ीट की ऊंचाई पर हैं जिस वजह यहाँ का तापमान औसतन कम ही रहता हैं। “बधाणी गांव में एक झील (तालाब) हैं, जिसे बधाणी ताल (झील) कहते हैं”
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यह झील अपनी विशेषताओं के चलते अन्य झीलों के मध्य अपनी खासा पहचान रखती है l आपको बता दें की इस ताल में रंग-बिरंगी मछलियाँ (Colorful Fish) पायी जाती हैं,और इसी कारण बधाणी ताल को एक पर्यटक स्थल का दर्जा दिया जाता हैं, और झील के निकट ही आपको त्रिजुगी नारायण का एक खूबूसरत मंदिर भी देखने को मिलेगा |
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माना जाता हैं कि,झील का पानी त्रिजुगी नारायण से आता हैं इसमें चमत्कारी बात ये हैं कि त्रिजुगी नारायण,बधाणी ताल से अत्यधिक दूरी व गहराई पर हैं, प्राकृतिक रूप से गहराई से उचाई पर पानी आना ये वाकई एक आश्चर्य जनक बात हैं |प्रमाण के तौर पर जब कभी त्रिजुगी नारायण में यग्य होता हैं तो वहाँ के जौ-तिल बधाणी झील में पाए जाते हैं, बधाणी ताल में प्रत्येक वर्ष 13 व 14 अप्रैल को बैशाखी के भब्य मेले का आयोजन होता हैं, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से बड़ी संख्या में आते हैं l
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बधाणी ताल चारों तरफ खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा हुआ हैं,जिस कारण इस गांव की खूबसूरती बेहद बड़ जाती हैं वही इस ताल के अगल बगल भी पर्यटक स्थल और देवस्थल है जो की इस जनपद के बेहद प्रमुख स्थलों में से है l वही झील की मछलियों को भगवान त्रिजुगी नारायण का स्वरूप माना जाता है और उन मछलियों को दाना खिलाना भगवान को भोजन खिलाना माना जाता है l और उस ताल की मछलियों को मारना बहुत बड़ा अपराध बताया जाता है l
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