ऊखीमठ। चारधाम यात्रा की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। 30 अप्रैल से यात्रा का औपचारिक शुभारंभ होगा और 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे। इस क्रम में आज बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ से डोली यात्रा के रूप में अपने मूल धाम के लिए रवाना हो गई।
डोली यात्रा गुप्तकाशी, फाटा और गौरीकुंड में रात्रि विश्राम के पश्चात 1 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी। 2 मई को प्रातः 7 बजे शुभ मुहूर्त में विधिवत पूजा-अर्चना के साथ कपाटोद्घाटन किया जाएगा। इस अवसर पर मंदिर को 10 क्विंटल से अधिक फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है।
केदारनाथ यात्रा की निर्विघ्नता हेतु ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान केदारनाथ के क्षेत्रपाल भकुंड भैरवनाथ का विशेष पूजन संपन्न हुआ। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर मंदिर में दर्शन कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त किया।
रविवार सायं सात बजे मंदिर के गर्भगृह में भगवान केदारनाथ और भगवान ओंकारेश्वर की शीतकालीन पूजा एवं आरती संपन्न हुई। इसके उपरांत भगवान भैरवनाथ का गंगाजल, दूध, शहद एवं तेल से स्नान कराकर उनका भव्य श्रृंगार किया गया। नये वस्त्र अर्पित किए गए और फूल मालाओं से मंदिर परिसर को सजाया गया। भैरवनाथ को काली दाल की पकौड़ी व पूरी की मालाएं भी अर्पित की गईं।
पूजन कार्यक्रम वेदपाठी विद्वानों — विश्वमोहन जमलोकी, यशोधर मैठाणी, नवीन मैठाणी और ओमकार शुक्ला — के मंत्रोच्चारण के बीच संपन्न हुआ। इस दौरान पुजारी बागेश लिंग, शिव शंकर लिंग, गंगाधर लिंग और शिव लिंग ने परंपरागत विधि से भगवान भैरवनाथ की एकमुखी, त्रिमुखी, पंचमुखी एवं सप्तमुखी आरतियां उतारीं।