भारत ने साल की शुरुआत खगोल विज्ञान के सबसे बड़े रहस्यों में से एक ब्लैक होल के बारे में जानकारी जुटाने के लिए उपग्रह भेज कर की है। सुबह 9.10 बजे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के इस पहले एक्स-रे पोलरीमीटर उपग्रह यानी ‘एक्सपोसैट’ को रॉकेट पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) सी 58 के जरिए लॉन्च किया। यह महज 21 मिनट में अंतरिक्ष में 650 किमी ऊंचाई पर जाएगा। इस रॉकेट का यह 60वां मिशन होगा। इस मिशन में एक्सपोसैट के साथ साथ 10 अन्य उपग्रह भी पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित होंगे।
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2024 के पहले ही दिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने इतिहास रच दिया है। ISRO ने साल के पहले दिन दुनिया का दूसरा और देश का पहला ऐसा सैटेलाइट लॉन्च कर दिया है, जो पल्सर, ब्लैक होल्स, आकाशगंगा और रेडिएशन आदि की स्टडी करेगा. इसका नाम एक्स-रे पोलारिमीटर सेटेलाइट (XPoSat) है, इसके साथ ही 10 अन्य पेलोड भी लॉन्च किए गए हैं।
इस उपग्रह की लाइफ पांच साल की है. PSLV-C58 को आज सुबह 9:10 बजे लॉन्च किया गया. यह प्रक्षेपण पीएसएलवी रॉकेट श्रृंखला का 60वां प्रक्षेपण है. XPoSat की लॉन्चिग से एक दिन पहले वैज्ञानिकों ने तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर की पूजा की।
2024 lifted off majestically. 📸
XPoSat health is normal.
Power generation has commenced. pic.twitter.com/v9ut0hh2ib— ISRO (@isro) January 1, 2024
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650 KM की ऊंचाई पर तैनाती
यह सेटेलाइट अंतरिक्ष में होने वाले रेडिएशन की स्टडी करेगा. उनके स्रोतों की तस्वीरें लेगा, इसमें लगे टेलिस्कोप को रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया है. यह सैटेलाइट ब्रह्मांड के 50 सबसे ज्यादा चमकने वाले स्रोतों की स्टडी करेगा, जैसे- पल्सर, ब्लैक होल एक्स-रे बाइनरी, एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लियाई, नॉन-धर्मल सुपरनोवा, सेटेलाइट को 650 km की ऊचाई पर तैनात किया जाएगा।
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