अंकिता हत्याकांड: वारदात के दो साल बाद भी उलझे हैं कई सवाल, VIP कौन ?

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निशब्द: उत्तराखंड की बेटी अंकिता को लेकर सामने आई बेहद दुखद खबर

दो साल पहले आज के दिन अंकिता भंडारी की हत्या के बाद पौड़ी क्षेत्र के वनंत्रा रिजॉर्ट के काले राज न्यायालय को 49 गवाह बता चुके हैं। एसआईटी ने अंकिता की हत्या के मुकदमे में कुल 100 गवाह बनाए थे। ऐसे में अभी फास्ट ट्रैक कोर्ट में बाकी 51 लोगों की गवाही बाकी है। रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता और सौरभ भाष्कर तीनों आरोपी कारागार में न्यायिक अभिरक्षा में बंद हैं।

पुलिस जांच में सामने आया कि पौड़ी निवासी अंकिता को नौकरी में अभी 20 दिन ही हुए थे कि वह वनंत्रा से नौकरी छोड़कर जाना चाह रही थी। वह जान चुकी थी कि यहां पर कितने काले कारनामे हो रहे हैं। घने जंगलों के बीच बने इस अय्याशी के अड्डे पर बड़े-बड़े लोग रंगरलियां मनाने आते थे।

इन लोगों के लिए खाने पीने से लेकर उनकी अय्याशी का भी प्रबंध किया जाता था। अंकिता को जब पता चला कि पुलकित उसे भी इस अंधियारी दुनिया में धकेलना चाहता है तो उसका मन उखड़ गया। ऐसे में 18 सितंबर 2022 की रात रिजॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी थी कि वह यहां के सारे काले राज जान चुकी थी।

दोस्त की चैट आई थी सामने
हत्या के बाद जब राज खुले तो पता चला कि पुलकित आर्य अंकिता को भी रिजॉर्ट में आने वाले एक वीआईपी के हवाले करना चाहता है। एसआईटी की जांच में जब अंकिता और उसके दोस्त की चैट सामने आई तो और भी चौंकाने वाली बातें सामने आईं। मालूम हुआ कि खुद पुलकित भी अंकिता पर बुरी नजर रखता था। उसने भी अंकिता के साथ छेड़खानी की थी। यह बात अंकिता ने अपने दोस्त पुष्प को व्हाट्सएप चैट में बताई थी। एसआईटी ने इस मामले में करीब दो माह तक विवेचना की और न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई। सरकार के आदेश पर मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है।

अब भी जानना चाहते हैं लोग वीआईपी कौन है…
दरअसल, इस मामले में एसआईटी ने गहनता से विवेचना करने का दावा किया। यही कारण था कि एसआईटी ने दो चार नहीं बल्कि केस मजबूत करने के लिए 100 गवाहों को बनाया। इनमें से बहुत से गवाहों के मजिस्ट्रेटी बयान भी कराए गए। इस पूरे कांड का केंद्र रहे वीआईपी का आज तक पता नहीं चला। पुलिस की जांच और कुछ गवाहों की गवाही यह भी कहती है कि रिजॉर्ट में आने वाले मेहमान जो स्पेशल सर्विस चाहते थे उन्हें वीआईपी कहा जाता था। लेकिन, लोगों के यह बात गले नहीं उतर रही कि मेहमान को ही वीआईपी कहा जाता है। एसआईटी का दावा यह भी था कि यहां आने वाले लोगों की लिस्ट चेक की गई तो उसमें भी किसी नामचीन व्यक्ति का नाम नहीं मिला। ऐसे में अब भी यह यक्ष प्रश्न ही है कि आखिर वीआईपी कौन था?

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