वायु प्रदूषण का स्तर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। AQI का स्तर बढ़ने की वजह से हवा की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। बढ़ते प्रदूषण की वजह से हमें कई स्वास्थय संबंधी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। प्रदूषण की मुख्य वजह PM 2.5 है। ये आकार में इतने छोटे होते हैं कि ये आपकी सांस के जरिए आपके ब्लड में मिलकर शरीर के किसी भी हिस्से में पहुंच सकते हैं।
Read this also: जीजा स्याली के बीच नोंक-झोंक को दर्शाता गीत ‘मांगण’ सोशल मीडिया पर वायरल।
प्रदूषण का प्रभाव सिर्फ फेफड़ों पर नहीं बल्कि आपके शरीर के अन्य हिस्सों पर भी पड़ सकता है, जिसमें आपकी रिप्रोडक्टिव हेल्थ भी शामिल है। प्रदूषण का आपकी रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर क्या प्रभाव पड़ सकता है, यह जानने के लिए हमने मैक्स हॉस्पिटल, गुरूग्राम की गायनोलॉजिस्ट और ऑरा स्पेशिएलिटी क्लीनिक, गुरूग्राम की फाउंडर डॉ. रितु सेठी से बात की। आइए जानते हैं इस बारे में उनका क्या कहना है।
एक स्टडी में पाया गया है कि प्रदूषक तत्व जैसे PM 2.5 और जहरीले केमिकल्स के संपर्क में आने से महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इन प्रदूषक तत्वों के संपर्क में लंबे समय तक रहने की वजह से अनियमित पीरियड्स, इन्फर्टिलिटी यानी कंसीव करने में दिक्कत होना, मिसकैरेज का खतरा बढ़ने, जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।इसके अलावा, प्रदूषण की वजह से हार्मोनल इम्बैलेंस भी हो सकता है, जिस वजह से पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) और एंडोमेट्रिओसिस का जोखिम बढ़ जाता है।
उत्तराखंड फिल्म एवं संगीत जगत की सभी ख़बरों को विस्तार से देखने के लिए हिलीवुड न्यूज़ को यूट्यूब पर सब्सक्राइब करें।