उत्तराखंड जिसे पवित्र स्थल भी कहा जाता है, क्योंकि यहां भगवानों का वास होने की मान्यता है, जहां आपको हर दूरी पर एक ना एक मंदिर जरूर नजर आ जाएगा, जिनसे कई मान्यता जुड़ी होती हैं, और उनमें से एक नाम ऋषिकेश स्थित नीलकंड महादेव मंदिर का भी शामिल है, जो उत्तराखंड के माने हुए मंदिरों में गिना जाता है, कहते हैं जो कोई यहां आता है उसके दुख सुख में बदल जाते हैं, चलिए आगे आपको इस मंदिर की खासियत बताते हैं, और इससे जुड़ी खास बात भी.
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नीलकंठ महादेव मंदिर उत्तराखंड राज्य के ऋषिकेश नगर में स्थित एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है, नीलकंठ महादेव मंदिर भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक मना जाता है वैसे तो ऋषिकेश में अनगिनत आश्रम और प्राचीन मंदिर है परंतु नीलकंठ महादेव मंदिर की अपनी अलग ही छवि है, कहा जाता है कि भगवान शिव ने इसी स्थान पर समुद्र मंथन से निकला विष ग्रहण किया गया था, उसी समय उनकी पत्नी, पार्वती ने उनका गला दबाया जिससे कि विष उनके पेट तक नहीं पहुंचे, इस तरह, विष उनके गले में बना रहा, विषपान के बाद विष के प्रभाव से उनका गला नीला पड़ गया था, गला नीला पड़ने के कारण ही उन्हें नीलकंठ नाम से जाना गया था, यह मंदिर भगवान शिव के उसी रूप को समर्पित है.
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यह घने जंगलों से घिरा हुआ है और नर-नारायण की पर्वत श्रृंखलाओं से सटा हुआ है, यह मणिकूट, ब्रह्मकूट और विष्णुकूट की घाटियों के बीच घिरा हुआ है और पंकजा और मधुमती नदियों के संगम पर स्थित है, इसकी महीन नक्काशी आंखों को बिल्कुल मंत्रमुग्ध कर देने वाली है, यह मंदिर भारत के लोगों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय तीर्थयात्रियों के लिए अत्यधिक प्रशंसा का पात्र है,मंदिर का शिखर समुद्र मंथन को दर्शाने वाले विभिन्न देवों और असुरों की मूर्तियों से सुशोभित है, शिवलिंग के रूप में नीलकंठ महादेव मंदिर के प्रमुख देवता हैं, मंदिर परिसर में एक प्राकृतिक झरना भी है जहां घने जंगलों से घिरे परिसर में प्रवेश करने से पहले भक्त आमतौर पर पवित्र स्नान करते है.
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नीलकंठ महादेव मंदिर अत्यन्त मनोहारी मंदिर शिखर के तल पर समुद्र मंथन के दृश्य को चित्रित किया गया है और गर्भ गृह के प्रवेश.द्वार पर एक विशाल पेंटिंग में भगवान शिव को विष पीते हुए भी दिखलाया गया है, सामने की पहाड़ी पर शिव की पत्नीए पार्वती जी का मंदिर है, यहां सबसे ज्यादा शिवभक्त पहुंचते हैं, जो कि सावन और महाशिवरात्रि में भोले के दर्शन और जल चढ़ाने जरुर आते हैं, हर साल यहां शिवरात्रि में लाखों की संख्या में शिवभक्त पहुंचते हैं.
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यूं तो आप पूरे वर्ष भर नीलकंठ महादेव मंदिर घूमने जा सकते हैं परंतु यहां के विशेष माहौल का आनंद लेना हो तो आप शिवरात्रि के महीने में नीलकंठ महादेव मंदिर घूमना ना भूलें जहां पर आप को भगवान शिव के अलौकिक दर्शन होंगे जिनके दर्शन मात्र से ही आपके सभी कष्टों का निवारण हो जाएगा, इसके अलावा शिवरात्रि के समय यहां पर विशाल मेले का भी आयोजन किया जाता है, बेहद सुंदर प्राकृतिक जगह पर मेले में घूमना भी एक अनूठा एहसास होता है.