एक ऐसी पहाड़ी की प्रेम कहानी जिसे वीडियो के माध्यम से दर्शकों तक हार्दिक फिल्म्स के यूट्यूब चैनल पर दिखाया जा रहा है। इस गीत को बहुत पहले
गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने फिल्म तेरी सौं में गाया था। “आंदि जांदी सांस छे तू मेरा जीना की आस छे तू ” इस खूबसूरत गीत को लिखा है मदन डुकलान जी ने अक्सर इस गीत को हम गुनाते गुनाते रहते हैं |
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एक बार फिर से अमित वी कपूर ने इस गीत को जीवित कर दिया है इसका कवर बनाकर, इसको नया रूप देकर अमित वी कपूर की आवाज और उन्हीं के संगीत से सजा ये गीत पहाड़ की बर्फीली वादियों में फिल्माया गया है | ये तो था गीत का परिचय अब आपको इसकी विशेषता बताते हैं क्यों ये इतना खास बना ,दरअसल ये मात्र एक गीत नहीं बल्कि समाज के लिए सन्देश है गीत में एक प्रेमी जोड़े को दिखाया गया है जिसमे अमित वी कपूर और शिल्पा वर्मा मुख्य भूमिका में हैं ,गीत के शुरुवात में ही आपको देखने को मिल जाएगा लड़की अपने सपनो को पूरा करने के लिए दूर विदेश जा रही है और अपने प्रेमी से भेंट करने आई है यूँ कहे सी ऑफ करने जा रहा है लड़का इसी बीच लड़की के मन में जाने से पहले पहाड़ घूमने की इच्छा होती है और लड़का कहता है पूरी जिंदगी तुम्हारे नाम कर दी एक दिन और सही।
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फिर घूमते फिरते जब लौटने का समय आता है तो लड़की का सवाल तुम भी चल लो मेरे साथ यहाँ पहाड़ों में क्या रखा है पर पहाड़ प्रेम लड़के को कहीं जाने की अनुमति नहीं देता और बोल पड़ता है ” मैं अप्डू यू पहाड़ अप्डू यू मुल्क कभी नी छोड़ी सकदु” और तुम कभी नहीं समझोगी | ये संवाद वीडियो में पहाड़ प्रेम को दर्शाता है।
और सच भी है अपनी मिटटी जैसी खुशबू कहीं और नहीं आ सकती चाहे आप कितनी भी तरक्की हासिल कर लो पहाड़ से दूर नहीं हो सकते। वीडियो के माध्यम से उन परवाशियों पर कटाक्ष किया गया है जो कहते तो हैं हम गढ़वाली हैं पर उन्हें वास्तव में गढ़वाल से प्रेम है भी या नहीं ये सोचने का विषय है।
बधाई के पात्र हैं अमित वी कपूर जिन्होंने इस विषयवस्तु पर इस सुन्दर गीत को फिल्माया और उत्तराखंड के लोगों को यहाँ से जोड़ने का काम किया है