प्रदेश में भू-कानून के उल्लंघन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सख्त कार्रवाई का असर अब साफ तौर पर नजर आने लगा है। दिसंबर के पहले पखवाड़े तक भू-कानून के 279 मामलों का खुलासा हुआ, जिनमें से 243 मामलों में मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। यह बात विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि महज तीन माह की अवधि में बागेश्वर, ऊधम सिंह नगर, नैनीताल और अल्मोड़ा जिलों में कुल छह मामलों में तीन हेक्टेयर से अधिक भूमि को सरकारी कब्जे में लिया गया है। विभिन्न जिलों में यह कार्रवाई अभी भी जारी है।
दरअसल, प्रदेश में भू-कानून के उल्लंघन की बढ़ती शिकायतों के बाद, मुख्यमंत्री धामी ने पिछले सितंबर माह में त्वरित और सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे। नगर निकाय क्षेत्रों में बिना अनुमति के 250 वर्गमीटर से अधिक भूमि की खरीद, 12.5 एकड़ से ज्यादा भूमि की अनुमति लेकर खरीदी, और कृषि, व्यावसायिक एवं औद्योगिक उपयोग के लिए भूमि की खरीद में भी कई अनियमितताएँ उजागर हुई हैं।
शासन ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ऐसे मामलों पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें और भूमि की खरीद-फरोख्त में किसी भी प्रकार की धांधली के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। इसके बाद जिलाधिकारियों ने राजस्व परिषद के माध्यम से शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी, जिसमें यह सामने आया कि भू-कानून के उल्लंघन से जुड़े 550 से अधिक मामलों में नोटिस जारी किए गए हैं। जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 154 (4) (3) के तहत भूमि क्रय की अनुमति का उल्लंघन करने वाले प्रकरणों की समीक्षा की गई। 11 दिसंबर, 2024 तक प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, सभी 13 जिलों में भूमि खरीद के कुल 1495 मामलों में अनुमति दी गई थी। इनमें से 279 मामलों में भू-कानून का उल्लंघन पाया गया, और इनमें से 243 मामलों में राजस्व वाद दर्ज किए गए हैं।