केदार घाटी में गूँज रहे गढ़वाली गीत,पार्टियों ने निकाला गजब तरीका।

0

केदारनाथ में इन दिनों चुनावी माहौल है,आगामी 20 नवम्बर को होने वाले उपचुनाव में प्रदेश के कई राजनेता केदारघाटी में स्टार प्रचाकर बनकर दौरे कर रहे हैं,पार्टियां भी वोटरों को रिझाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है अपनी पार्टी बढ़िया दूसरी पार्टी खराब बताकर वोट खींचने की पुरजोर कोशिशों में लगी हुई हैं,इसके साथ ही अब उत्तराखंड के गायकों के गीत भी प्रत्याशियों के समर्थन में खूब बज रहे हैं।

45336-2garhwali-songs-are-echoing-in-kedar-valley-parties-have-found-a-wonderful-way

पढ़ें यह खबर: उत्तराखंड में बढ़ रहा फिल्म उद्योग,फिल्म नीति से स्थानीय निर्माताओं को मिली हिम्मत।

नेगी दा के गीत भौं कुछ ह्वे जयां नेता बणीकी दिखोलु रे वाला माहौल केदारघाटी में चल रहा है,बीजेपी से जहाँ महिला प्रत्याशी आशा नौटियाल मैदान में हैं तो महिला सशक्तिकरण का कार्ड भी खेला जा रहा है,दो बार की विधायक रही आशा नौटियाल को इस बार कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक मनोज रावत कड़ी टक्कर दे रहे हैं,वहीँ निर्दलीय प्रत्याशी पत्रकार त्रिभुवन चौहान भी हुंकार भर रहे हैं और अपने आप को केदार का बेटा बताकर जनता के बीच जा रहे हैं।

पढ़ें यह खबर: गजब: उत्तराखंड के पोस्ट ऑफिस में डाकपाल भर्ती में ऐसे युवा हुए चयनित जिन्हें न लिखना आ रहा न पढ़ना

केदारघाटी में इन दिनों प्रत्याशियों के समर्थन में गढ़वाली गीत भी अपना ध्यान बटोर रहे हैं इस मामले में बीजेपी आगे चल रही है बीजेपी की प्रत्याशी आशा नौटियाल के समर्थन में गजेंद्र राणा की आवाज में वोटरों को रिझाया जा रहा है वहीँ एक और गीत मन मा रटण कमल बटण हमुन दबोण गीत भी सुर्ख़ियों में है,वहीँ कुछ श्रोता इन गायकों को खरी खोटी भी सुना रहे हैं कि उत्तराखंड में और भी मुद्दे हैं उनपर गीत क्यों नहीं गाते।

पढ़ें यह खबर: केदार घाटी में चुनावी सरगर्मी,आखिर किसके सर सजेगा ताज।

कुल मिलाकर जो भी हो माहौल जबरदस्त बन चुका है हर किसी का मकसद बस जीत हासिल करना है और साम दाम दंड भेद की नीति अपनाई जा रही है,दूसरे जिलों के विधायक यहाँ स्टार प्रचारक बनकर पहुँच रहे हैं भले ही उनके क्षेत्र के हाल कितने ही बुरे हों,लेकिन अपनी पार्टी को जीत दिलवाने के लिए दिनरात एक किए हुए हैं।वहीँ कांग्रेस ने अभी तक कोई गीत अपने प्रत्याशी के लिए नहीं बनाया लेकिन स्टार प्रचारक जमकर डेरा डाले हुए हैं।

वहीँ उत्तराखंड क्रांति दल अपने को क्षेत्रीय पार्टी बताकर लोगों का ध्यान खींच रही है और नेगी दा के गीत उठा जागा उत्तराखंडियों से वोटरों को रिझा रही है,अब जनता किसकी सुनती है ये तो चुनावी परिणाम के बाद ही पता लग पाएगा।

अन्य ख़बरों को देखने के लिए हिली न्यूज़ को यूट्यूब पर सब्सक्राइब करें।

Exit mobile version