अमरनाथ गुफा से जुड़े वो रहस्य जिससे अभी भी अनजान हैं लोग

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अमरनाथ गुफा से जुड़े वो रहस्य जिससे अभी भी अनजान हैं लोग

हिमालय की गोदी में स्थित भगवान शिव को समर्पित अमरनाथ का मंदिर  हिंदुओं के सबसे प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है. हर साल दूर दूर से यात्री बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए यहां आते हैं जिसको लेकर कहा जाता है कि कहते हैं ये यात्रा इतनी भी आसान नहीं होती, इसलिए जिनको बाबा का बुलावा आता है सिर्फ वही लोग ही यही यात्रा कर पाते हैं, यदि आप अमरनाथ मंदिर या अमरनाथ गुफा से जुड़े सभी रोचक तथ्यों के बारे में जानने की दिलचस्पी रखते है तो हमारा यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए है जिसमें हम आपको अमरनाथ गुफा का इतिहास ,कहानी सहित अन्य जरूरी बातों को बताने वाले है 

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अमरनाथ की गुफा श्रीनगर से करीब 145 किलोमीटर की दूरी हिमालय पर्वत श्रेणियों में स्थित है, समुद्र तल से 3,978 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह गुफा 150 फीट ऊंची और करीब 90 फीट लंबी है, माना जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से गुफा में बने शिवलिंग का दर्शन करता है उसको जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है, भगवान शिव ने भी इसी गुफा में माता पार्वती को अमृत्व का रहस्य बताया था, इसलिए इस गुफा को अमरनाथ गुफा कहा जाता है.

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इस पवित्र मंदिर का अपना एक ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व है, इस गुफा में जो शिवलिंग है वो पूरे साल बर्फ से ढका रहता है, इसलिए भोले को बाबा बर्फानी या हिमानी शिवलिंग कहते हैं, इस पवित्र हिमलिंग के दर्शन करने दूर-दूर से भक्त जन यहां पहुंचते हैं, अमरनाथ की यात्रा पूरे साल में करीब 45 दिन की होती है, जो ज्यादातर जुलाई और अगस्त के बीच में होती है, आषाढ़ पूर्णिमा से लेकर भाई-बहन के पावन पर्व रक्षाबंधन तक होने वाले पवित्र हिमलिंग दर्शन के लिए दुनिया के कोने-कोने से शिव भक्त अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं.

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ये दुनिया का एकमात्र ऐसा शिवलिंग है जो चंद्रमा की रोशनी के आधार पर बढ़ता और घटता है. हर साल यहां श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शिवलिंग पूरा होता है और उसके बाद आने वाली अमावस्या तक आकार में काफी घट जाता है,बर्फ के शिवलिंग के बाईं ओर दो छोटे बर्फ के शिवलिंग भी बनते हैं. कहा जाता है कि ये मां पार्वती और भगवान गणेश का प्रतीक हैं, हर साल इस गुफा में बर्फ का शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बनता है. बर्फ का शिवलिंग, गुफा की छत में एक दरार से पानी की बूंदों के टपकने से बनता है. बेहद ठंड की वजह से पानी जम जाता है और बर्फ के शिवलिंग का आकार ले लेता है.  इसी बर्फ के शिवलिंग के दर्शन के लिए हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु अमरनाथ की पवित्र गुफा की यात्रा करते हैं।

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