पहाड़ अपने लोकजीवन एवं परम्पराओं के लिए विशेष महत्व रखता है,लोकसंगीत इनका निर्वाहन करने में अहम् भूमिका निभाता है,जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण अपने गीतों के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति को विश्व पटल पर पहुंचा चुके हैं यहाँ के वाद्य यंत्रों से अब दुनिया परिचित है इसे भली भांति समझते हैं,ऐसी ही एक परंपरा को दर्शाता नया वीडियो गीत जड़वान(चला समधिणी) प्रीतम भरतवाण ने रिलीज़ किया है इसे दर्शक खूब पसंद कर रहे हैं।
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जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण अपने गीतों से उन रिश्तों का अहसास करा रहे हैं जो समय के साथ अपना मूल खोते जा रहे हैं,नाते रिश्तेदार जीवन में सुःख और दुःख दोनों में अपनी समान भागीदारी निभाते हैं,इन रिश्तों का अहसास डॉ भरतवाण ने कई बार अपने गीतों से कराया है,पहाड़वासी आज भी आपसी सौहार्द को जीवित रखे हुए हैं और अपनी परम्पराओं से जुड़े हुए हैं,जड़वान(चला समधिणी) गीत भी इन्ही भावनाओं का जिक्र करता है।
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प्रीतम भरतवाण कंठ एवं कलम के धनी हैं,अपने गीतों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं,जड़वान(चला समधिणी) गीत मुंडन संस्कार पर आधारित है जिसमें समधी अपनी समधन को अपने नाती के जड़वान(मुंडन) के लिए न्यौता देने जाते हैं,इस गीत में प्रीतम भरतवाण के साथ युवा गायिका अंजलि खरे ने आवाज दी है,पवन गुसाईं ने इसे संगीतबद्ध किया है।
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जड़वान (चला समधिणी) गीत में जागर सम्राट भरतवाण ने हर पहलू को बखूबी दर्शाया है,समधी का आदर भाव एवं समधन की विवशता का बखूबी जिक्र किया है,वीडियो में मुकेश शर्मा घनसेला एवं शिवानी भंडारी ने अपने अभिनय से इस गीत को और भी खूबसूरत बना दिया,वीडियो का निर्देशन विजय भारती ने शानदार तरीके से किया है,नागेंद्र प्रसाद ने वीडियो का फिल्मांकन एवं संपादन किया है।
दर्शक गीत को खूब पसंद कर रहे हैं वीडियो अब तक 2 लाख के करीब व्यूज बटोर चुका है,प्रीतम भरतवाण ऑफिसियल चैनल पर आप इस गीत का आनंद ले सकते हैं।
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