हमारे देश के निवासी कर्म करने से पहले धर्म करने में ज्यादा रूचि रखते हैं,कोई भी शुभ काम करने से पहले उसका श्रीगणेश जरूर किया जाता है और अपने इष्ट से उस काम की सफलता की कामना करते हैं,चाहे घर लेना हो कोई व्यवसाय शुरू करना हो तो गृह प्रवेश से पहले घर की सुख शांति के लिए पूजा पाठ जरूर किया जाता है,दुनिया आधुनिक हो चली है और टेलीविजन की दुनिया अब हमारे हाथों में फ़ोन के रूप में आ चुकी है,इसमें तरह तरह के फीचर हमारे काम को और भी सरल कर देते हैं,और इसी में एक कैमरा नाम का फीचर भी होता है जिससे हमें दुनिया और भी रंगीन लगती है,आइए आज जानते हैं शूटिंग से पहले कैमरे की पूजा क्यों की जाती है।
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आपने कई बार वीडियो देखी होंगी जिसमें किसी भी फिल्म या म्यूजिक वीडियो की शूटिंग से पहले मुहूर्त शार्ट लिया जाता है और बकायदा फिल्म या म्यूजिक वीडियो से जुडी यूनिट लोग शूटिंग शुरू करने से पहले कैमरे की पूजा करते हैं और जो भी वो काम करने जा रहे हैं उसमें वो सफल हो जाएँ ऐसी ईश्वर से कामना करते हैं।हिन्दू धर्म के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले पूजा करने का प्रचलन है और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग इसका बखूबी पालन करते हैं।
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कैमरा दुनिया में आज से करीब 200 साल पहले आ चुका था लेकिन भारत आते आते इसे 100 साल और लग गए,आप आज यकींन भी नहीं करेंगे कि पहली तस्वीर खींचने में आठ घंटे लग गए थे और आज एक सेकंड भी नहीं लगता समय के साथ कैमरा भी अपडेट होता रहा और आज आलम ये है कि हर किसी के हाथ में कैमरा नजर आता है और इसको कैसे चलाएं कैसे शॉट्स लिए जाएँ ये अब कुछ ही दिनों में अभ्यास से सीखा जा सकता है,और कैमरे की मदद से दुनिया के खूबसूरत नजारों को साझा किया जा सकता है।
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सोचिए अगर कैमरा ही नहीं होता तो आज हम इतनी सारी फ़िल्में,म्यूजिक वीडियो,ब्लॉग्स वगैर तमाम चीजें कैसे देख पाते,दुनिया के पहले कैमरे को जोहान जहन ने 1685 में बनाया था लेकिन सबसे पहली तस्वीर जोसफ नाइसफोर नीपसे ने साल 1826 में खींची थी,उन्होंने तब ये सोचा भी नहीं होगा कि उनका ये विचार आगे जाकर इतनी बड़ी क्रांति लेकर आएगी।वहीँ भारत की बात करें तो यहाँ कैमरा काफी देर बाद पहुंचा और ये एक रिफ्लेक्स कैमरा था जो रोल फिल्म से चलता था ये 1928 के आसपास की कहानी है।
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अब कैमरा किसी भी प्रोडक्शन का अहम् हिस्सा बन चुका है,गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए कैमरे के जानकार नई नई तकनीकों से युक्त कैमरा प्रयोग में लाते हैं जिससे दर्शकों को पहले एचडी और अब 4K फॉर्मेट में वीडियो बनती हैं जिसे दर्शक आसानी से घर बैठे देख सकता है।अब तो आधुनिकता यहाँ तक पहुँच चुकी है कि कैमरा हवा में उड़ता हुआ नजर आता है जो धरती के नजारों को आसमानी व्यू से दिखाता है।अब इतने काम की चीज को थोड़ा प्रयोग करने से पहले तो आरती उतरनी ही चाहिए और यही कारण होता है कि शूट से पहले कैमरे की पूजा होती है।
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