स्क्रीन पर दिखा नरु बिजुला का दमखम,पौराणिक गीत का ये नया अंदाज।

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उत्तराखंड अपनी सभ्यता एवं संस्कृति के लिए देश में अलग पहचान रखता है,यहाँ का लोकसंगीत,लोककथाएं वर्तमान में भी जीवंत रूप में हैं,चाहे वीर भड़ों की कहानियां हों,रूपवान नारी की कथा हो तो आज भी मिशाल के रूप में हमें उन्हीं की ही कथाएं सुनाई जाती हैं,वीर भड़ हो तो माधो भंडारी जैसा हो,रूपवती नारी हो तो राजुला जैसी हो ऐसे ही कई उदाहरण समाज में दिए जाते हैं,ऐसे ही गढ़वाल के दो भाई नरु और बिजुला थे जो अपने बल और कौशल से तत्कालीन समय में काफी प्रचलित थे,आज भी इनकी कथाएं गीत संगीत के माध्यम से जीवंत हैं।

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पौराणिक लोकगीत नरु बिजुला द्वी होला भाई को नई आवाज के साथ कालिंका फिल्म्स ने वीडियो फॉर्मेट में रिलीज़ किया है,गीत में केशर सिंह पंवार और राम कौशल ने स्वर दिए हैं,गीत में नरेश बेलवाल और अजय सोलंकी ने अभिनय किया हो,पौराणिक धुन के साथ ज्यादा छेड़खानी ना करते हुए गीत को यथावत रखा गया है,वीडियो रिलीज़ होते ही दर्शकों के बीच काफी चर्चाओं में है बीते रविवार की शाम को वीडियो रिलीज़ हुआ और सुबह होते होते 10 हजार से अधिक व्यूज बटोर गया।

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संक्षेप में आपको नरु बिजुला की कहानी भी बता ही देते हैं फिर आपको वीडियो देखने में भी आसानी होगी नरु और बिजुला उत्तरकाशी जिले के तिलोथ गाँव के रहने वाले दो भाई थे बाद में इनकी वीरता के किस्से दूर दूर तक सुनाई देने लगे। उस समय गढ़वाल में भी दहेज़ का काफी प्रचलन था दोनों भाई शरीर से तो संपन्न थे लेकिन आर्थिक स्तिथि इतनी ठीक नहीं थी ,एक बार दोनों भाई बड़ाहाथ (विश्वनाथ) मंदिर में लगने वाले मेले में गए,और दोनों भाई एक ही सुंदरी जो कि रवाई के डकयाथ गाँव की थी उसपर मोहित हो गए और दोनों ही आपस में लड़ने लगे कि मैं इसे ब्याह ले जाऊंगा तो दूसरा भी इसी जिद्द पर अड़ गया।सुन्दर युवती भी दोनों नौजवानों को देखकर मोहित हो गई लेकिन दुविधा ये थी कि युवती के रिश्ते की बात पहले ही हो चुकी थी और उस समय गंगा और यमुना घाटी के लोगों के बीच तनातनी थी ना कोई रिश्ता होता था और ना ही कोई व्यापार।

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नरु बिजुला सब बातों को अच्छे से जानते थे फिर भी युवती का हाथ मांगने चले गए और युवती को वहां से भगाकर ले गए पर इतना आसान नहीं था जहाँ के लोगों से कोई रिश्ता ना हो कोई लेनादेना ना हो वहां के दो युवक आकर रवाइयों की लड़की उठाकर ले गए तो  12 गाँव की पट्टी वाली रवाइयों की इज्जत पर बात आ गई लेकिन नरु और बिजुला ने अपनी वीरता से उनका सामना भी किया और लड़ाई जीतकर कन्या को अपने गाँव भी ले आये और तबसे ये कथा भी गढ़वाल की प्रसिद्ध प्रेमकथाओं में सम्मिलित हो गई,और गंगा यमुना के लोगों के बीच दुश्मनी भी समाप्त हो गई।इसी कहानी को नए अंदाज में कालिंका फिल्म्स ने प्रस्तुत किया है,केशर पंवार की आवाज में वैसे भी लोकगीत अलग ही रंग में नजर आते हैं राम कौशल ने गीत रचना के साथ ही इसमें स्वर भी दिए हैं,पौराणिक गीत को नया संगीत शैलेन्द्र शैलू ने दिया है।

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वीडियो गीत में नरु का किरदार नरेश बेलवाल ने निभाया है तो वहीं छोटे भाई बिजुला का किरदार अजय सोलंकी ने निभाया है दोनों ही स्क्रीन पर काफी जानदार नजर आए,वीडियो का निर्देशन अजय भारती ने किया है,फिल्मांकन राजेश आर्यन एवं संपादन नागेंद्र प्रसाद ने किया है, तो लीजिए आप भी आनंद लीजिए इस पौराणिक गीत का नए अंदाज में।

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