गुजरात के मोरबी में हुए ब्रिज हादसे के बाद प्रदेश की सरकार ने सबक लेते हुए प्रदेश के तमाम जर्जर पड़े पुलों पर सरकार ने अहम फैसला लिया है, उत्तराखंड में इस तरह के हादसों को रोकने के लिए राज्य सरकार ने 436 पुराने और जर्जर पुलों की जगह नए ब्रिज बनाने का फैसला किया है.
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बता दें कि जब इस विषय पर लोनिवि के प्रमुख सचिव आरके सुंधाशु से बात की गई तो उन्होंने कहा कि, हम समय-समय पर पुलों का सेफ्टी ऑडिट कराते हैं. सेफ्टी ऑडिट पर ही लक्ष्मण झूला पुल को बंद किया गया. 436 पुराने पुलों की रिपोर्ट प्राप्त हो गई. इन पुलों को वित्तीय उपलब्धता और उनके महत्व को देखते हुए चरणबद्ध ढंग से बदला जाएगा. उन्हें ए श्रेणी लोड में परिवर्तित करेंगे.
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लोक निर्माण विभाग ने प्रदेश भर में ऐसे 436 पुराने पुल चिन्हित कर लिए हैं, इनमें से अधिकांश पुल राज्य के पर्वतीय जिलों में हैं। इनमें सबसे अधिक 207 पुल स्टेट हाईवे पर हैं।राज्य मार्गों पर बने ये पुल या तो पुराने या जर्जर हो चुके हैं या फिर वाहनों के बढ़ते दबाव के चलते ये उनका लोड सहने के योग्य नहीं हैं। इन पुलों को चिन्हित करने प्रमुख सचिव आरके सुंधाशु ने निर्देश दिए थे। उनके निर्देश पर पुराने पुलों की सूची तैयार कर ली गई है.
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उत्तराखंड में भी काफी संख्या में ऐसे पुल हैं जिनकी स्थिति काफी कमजोर और जर्जर बनी हुई है, सरकार ने अब इन जर्जर पुलों की जगह नए ब्रिज बनाने का फैसला किया है, राज्य में इन दिनों सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान भी काफी जोरों पर चलाया जा रहा है मगर इस बीच मोरबी में हुए हादसे से सबक लेते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी सने जर्जर पुलों पर भी फोकस करने का फैसला किया है.
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