सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल में इस बार उत्तराखंड के लोकपर्व ईगास का अनूठा आयोजन किया जा रहा है, जिसमें चार नवम्बर को स्कूल परिसर में लोकगायक गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी और उनकी टीम सांस्कृतिक संध्या प्रस्तुत करेंगे.
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उत्तराखंड के गढ़वाल में सदियों से दिवाली को बग्वाल के रूप में मनाया जाता है, दिवाली के 11वें दिन यानी एकादशी को उत्तराखंड में इगास यानी बूढ़ी दिवाली मनाने का रिवाज है, इस पर्व के दिन सुबह मीठे पकवान बनाए जाते हैं, रात में स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा अर्चना के बाद भैला जलाकर उसे घुमाया जाता है और ढोल नगाड़ों के साथ आग के चारों ओर लोक नृत्य किया जाता है,मान्यता है कि जब भगवान राम 14 वर्ष बाद लंका विजय कर अयोध्या पहुंचे तो लोगों ने दिए जलाकर उनका स्वागत किया और उसे दीपावली के त्योहार के रूप में मनाया, कहा जाता है कि गढ़वाल क्षेत्र में लोगों को इसकी जानकारी 11 दिन बाद मिली, इसलिए यहां पर दिवाली के 11 दिन बाद यह इगास मनाई जाती है.
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