आज 5 अक्टूबर को विजय दशमी (Vijaya Dashami) का पर्व मनाया जा रहा है, देशभर में आज दशहरा का आयोजन हो रहा है, चलिए आगे आपको बताते हैं, आखिर क्यों लोग इस दिन को इतने हर्षोल्लास से मनाते हैं, और इसक दिन का क्या महत्व है.
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आज 05 अक्टूबर को देशभर में विजयादशमी और दशहरा का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है, यह असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है, यह दिन बुराई पर अच्छाई के पर्व के तौर पर मनाया जाता है, आज के दिन ही प्रभु श्रीराम ने दशानन रावण का वध किया था, इसी दिन माता दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, दशमी तिथि के दिन अधर्म पर विजय प्राप्त होने के कारण इस दिन को विजय दशमी कहा जाता है.
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दशहरा मनाने की वजह:
त्रेता युग में दशहरा के दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति दसानन रावण का वध किया था, भगवान राम और रावण के बीच लगातार 10 दिनों तक भीषण युद्ध चला, 10वें दिन जाकर रावण भगवान श्रीराम के हाथों मारा गया, इस युद्ध का कारण था प्रभु श्रीराम की पत्नी सीता का अपहरण.
महत्व:
दशहरा शब्द दशा और हारा से मिलकर बना है, दशा का मतलब होता है रावण से है, दस सिर होने के कारण उसे दशानन कहा जाता था, हारा का मतलब हार जाना, इस तरह रावण की हार के दिन को दशहरा (Dussehra) भी कहा जाता है, इस दिन लोग जगह-जगह पर रावण के पुतले जलाते हैं और अधर्म पर धर्म की जीत का पर्व मनाते हैं, दुर्गा नवमी के अगले दिन विजयादशमी पड़ता है, यह पर्व लंका के राजा रावण पर श्री राम की जीत का प्रतीक है. रावण के दस सिर दस तरह की बुराइयों को दर्शाते हैं. वासना, मोह, अहंकार, ईर्ष्या, लोभ, भय, जड़ता, घृणा, घमंड, क्रोध को दर्शाता है, राम भगवान ने रावण के घमंड को जड़ से उखाड़ फेका था और उसे युद्ध में मात दी थी, साथ ही इस दिन मां दुर्गा ने भी राक्षस महिषासुर का वध किया था.
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